--अधिकारियों के कारण नहीं ‘जनजागरूकता से
घटना शुरू हुई है शराब बिक्री’
‘आगरा: मूवमेंट अगेंस्ट एडिक्शन’ के कॉर्डीनेटर अनिल शर्मा ने कहा
है कि वायोबृद्ध गांधीवादी नेता
श्री चिम्मन लाल जैन और उनके मिशन को आदर्शमान कर
प्रदेश भर में सक्रिय हो चुके नशाबन्उी आंदोलन हमकदमों की सक्रियता का व्यापक असर
होना शुरू हो चुका है फलस्वरूप सरकारी कोशिशों के बावजूद शरब की खपत के ग्राफ में
तेजी के साथ गिरावट आना शुरू हो चुकी है।उन्होंने कहा कि अब जनता को समझ में आता जा
रहा है कि शराब बिक्री को प्रोत्साहित प्रोत्साहन से मनमानी करने को सरकार
अपना खजाना तो भरे रख सकती है किन्तु शराब उपभोग से जनित लंग्स,हार्ट और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की इलाज सुविधा आम दारू उपभोक्ता को करवा पाना उसके बूते का नहीं है।
( गांधीवादी नेता श्री चिम्मन लाल जैन एवं शराब बंदी आंन्दौलन के कॉडीनेटर अनिल शर्मा साथ है पंजाब के नशाविरोध अभियान की नेता साध्वी खोसला व प्रख्यात लेखक इकनामिस्ट आलोक पुराणिक। --फाइल फोटो) |
अपना खजाना तो भरे रख सकती है किन्तु शराब उपभोग से जनित लंग्स,हार्ट और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की इलाज सुविधा आम दारू उपभोक्ता को करवा पाना उसके बूते का नहीं है।
श्री शर्मा ने कहा है कि उ प्र शराब
राजस्व के मामले में बिहारकी नीतीश सरकार की नीति को अपनाये और नशाखोरी की लत से बचाकर
पंजाब बननेसे रोका जाये। उन्होंने शराब सेवन से जनित बीमारियों से पीडितों और होने
वाली मौतों के आधिकारिक आंकडे भी जनता के सामक्ष
सार्वजनिक किये जाने का आग्रह भी किया है।
उधर मूवमेंट अगेंस्ट एडिक्शन’ के नेतृत्वकर्त्ता
वायोबृद्ध स्वतंत्रता सेनानी श्री चिम्मन लाल जैन ने कहा है कि झांसी, आगरा एवं खीरी के जिला अवकारी
अधिकारियों का निलम्बन तत्काल समाप्त कर दिया जाना चाहिये,इन सभी अधिकारियों के प्रभारों में शराब की बिक्री
में बेहद कमी हो जाने पर सरकार ने इन्हें निलम्बित किया हुआ है।जबकि न तो शासन की
नीति ही शराब बिक्री को प्रोत्साहन की है और नहीं सत्ता रूढ समाजवादी पार्टी की आर्थिक
व सामाजिक नीति में ही शराब सेवन को प्रोत्साहित किया जाना घोषित रूप में शामिल है। वायोबद्ध गांधीवादी नेता ने कहा है कि सीतापुर, खीरी, मेरठ, कानपुर नगर, झांसी, जालौन, मैनपुरी, इलाहाबाद तथा सिद्धार्थ नगर के जिन अधिकारियों
व अन्य अबकारी राजस्व से संबधित कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाहियों किया जाना प्रचारित
कियाजा चुका है,उनके बारे में भी सरकार को नये सिरेसे विचार करना
चाहिये।
श्री
जैन ने कहा है कि अगर शराब की तस्करी और अबैध बिक्रीमें कोई संलिप्त है तो उसके विरुद्ध
कार्रवाही में उन्हें कोई गुरेज नहीं हैं किन्तु इस मामले में भी उनका आगह है कि
सरकारी खजाने से वेतन पाने वालो में से कोई इन गतविधियों में लिप्त है तो उसके खिलाफ
निलम्बन के साथ ही और भी कडी कार्रवाही होनी चाहिये। किन्तु वर्तमान में जो चल रहा
है उससेजनता के बीच यही संदेश जा रहा है कि सरकार अपने अधिकारियों पर शराब बिक्री में
बढोत्तरी के लिये दाबाब बनाने का प्रयास कर रही है।
आगरा सहित सीतापुर, आगरा, खीरी, मेरठ, कानपुर नगर, झांसी, जालौन, मैनपुरी, इलाहाबाद तथा सिद्धार्थ नगर के
जिला आबकारी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश हुए हैं। वहीं, झांसी, आगरा एवं खीरी के जिला आबकारी
अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है।
आमजन के कल्याण के उद्धेश्य को समर्पित
लोहिया और आचार्य बिनोबा भावे के आदर्शों को सबल बनानेे वाली समाजवादी विचारधारा में
समाज को बुराईयों से दूर करने के लिये प्रतिबद्धता है किन्तु दुर्भाग्य है कि अपने
आप को महानचितक डा राम मनोहर लोहिया को आर्दर्श मानने वालों की अखिलेश सरकार शराब बिक्री
को बढावा देनेको आमादा है।