(टेरी) के
पूर्व प्रमुख पर पूर्व में भी लगते रहें हैं इसी प्रकार के संगीन आरोप
नई दिल्ली: भारतीय अक्सर विदेश जाकर देश का मान सम्मान ही बडाते हैं किन्तु
द एनर्जी एंड रिसोर्सिस इंस्टीटयूट
(टेरी)
के पूर्व प्रमुख आर के पचौरी महिलाओं के उत्पीडन के मामलों को लेकर सुर्खियां बटोरते रहे हैं। नवीनतम आरोप उनके कार्यकाल के दौरान सचिव रही एक यूरोपीय महिला ने अब उन पर यौन उत्पीड़न का
आरोप लगाया है। जबकि टेरी में काम करने वाली दो महिलाओं द्वारा पहले ही पचौरी के
खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाये थे।
(सीनियर सिटीजन हो चुके पर्यावरणविद आर के पचौरी एक बार फिर आरोपों के घेरे में) |
जानेमाने पर्यावरणविद पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में
फरियादी का पक्ष रख रहीं जानीमानी वकील वंदा ग्रोवर को लिखे पत्र में महिला ने कहा
कि वह 2008 में पचौरी की सचिव के रूप
में द एनर्जी एंड रिसोर्सिस...
इंस्टीटयूट (टेरी) में काम करती थी। उसने फरवरी 2015
में ग्रोवर से संपर्क किया था जब उसे यौन उत्पीड़न के एक मामले में
पचौरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने का पता चला था।
इस बारे में पूछे जाने पर पचौरी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन
उनके वकील आशीष दीक्षित ने इसे अपने मुवक्किल को बदनाम करने की साजिश बताया और
पूछा कि हर बार जब ऐसा कोई मामला आता है तो क्यों ग्रोवर ही बयान देती हैं और
पुलिस में शिकायत नहीं होती।
ग्रोवर ने महिला के बयान मीडिया संस्थानों को भेजे, जिसमें उसने कहा, मुझे याद है कि
फरवरी 2015 के तीसरे सप्ताह में मैंने कुछ खबरें पढ़ी थीं जिसमें
कहा गया था कि टेरी की एक कर्मचारी ने आर के पचौरी के खिलाफ उसके यौन उत्पीड़न की
आपराधिक शिकायत दर्ज की है।
महिला ने कहा, इन खबरों को पढ़ने के बाद मैं
बिल्कुल भी हैरान नहीं थी। मैं उस चीज को अच्छी तरह समझ सकती हूं जो दूसरी महिला
ने अपने बयान में लिखा।
महिला ने दावा किया कि जब पचौरी ने उसका उत्पीड़न किया, वह 19 साल की थी। उसका पक्ष ग्रोवर
और एक और वकील रत्ना आपनेंदर रखेंगी।
रत्ना ने कहा कि पुलिस को बयान के बारे में बता दिया गया है और कहा गया है
कि महिला उनके सामने मौजूदगी दर्ज कराने के लिए तैयार है लेकिन उन्होंने उससे
संपर्क करने का कोई प्रयास नहीं किया।