19 फ़रवरी 2016

हिंसा छोडने के वायदे पर ही माओवादियों से वार्ता संभव

--लाकतंत्र में हिंसा को स्‍थान नहीं: राजनाथ सिह

नई दिल्‍ली: यदि माओवादी बिना शर्त हिंसा छोड़ दें तो उनसे सरकार बातचीत करने को तैयार है। यह कहना है
                                      --(फाइल फोटो)
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का।  उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ शुक्रवार को एक घंटे तक चली सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद एक जानकारी में यह जानकारी देते हुए यह भी कहा है कि केन्द्र देश के पिछड़े और आदिवासी बहुल जिलों में समग्र विकास के लिए समन्वित कार्य योजना (आईएपी) को दुरूस्त करेगा पिछडे़ क्षेत्रों के विकास के लिए आईएपी को दुरूस्त कर रहे हैं। केन्द्र के पास गरीबों के उत्थान के लिए कुछ योजनाएं

भी हैं।

वह एक दिन की ओडिशा यात्रा पर गत दिवस भुवनेश्‍वर में थे। सिंह ने कहा कि सरकार आईएपी को दुरूस्त करेगी क्योंकि देश में सबसे गरीबों का उत्थान करना उसकी एक प्राथमिकता है।
सिंह ने ओड़िशा में वाम चरमपंथ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के बाद माओवाद प्रभावित इस जिले में संवाददाताओं से कहा, मैं उनसे (माओवादियों) अपील करना चाहता हूं कि हिंसा का मार्ग छोड़ दें और मुख्यधारा में शामिल हो जाएं यदि वे बिना किसी शर्त के हिंसा छोड़ देते हैं तो सरकार उनसे बातचीत करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक ढांचे में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि माओवादियों को हथियार छोड़कर बातचीत के लिए आगे आना चाहिए ।उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने विभिन्न कल्याणकारी एवं विकास योजनाएं शुरू की हैं तथा माओवादियों को हथियार छोड़कर इन कार्यक्रमों का लाभ उठाना चाहिए।
सिंह ने कल झारखंड में चार माओवादियों के मारे जाने का जिक्र करते हुए कहा कि सुरक्षा बल केवल आत्मरक्षा में कार्रवाई करते हैं। उन्होंने माओवादियों के खिलाफ अभियान में ओड़िशा सरकार, राज्य पुलिस, प्रशासन और अर्द्धसैनिक बलों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए अधिकारियों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा, वे बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

गृह मंत्री ने माओवादियों के खिलाफ अभियान की समीक्षा करने के लिए राज्य पुलिस, बीएसएफ, सीआरपीएफ और जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों की दो घंटे बैठक ली।
   
सूत्रों ने कहा कि पड़ोसी राज्यों झारखंड और छत्तीसगढ़ में वाम चरमपंथ की बुराई के मद्देनजर सिंह का इस क्षेत्र का दौरा महत्वपूर्ण है। सूत्रों ने कहा कि ओड़िशा, आंध्र सीमा क्षेत्रों में स्थिति एक चिंता का विषय बनी रहती है।