एन आर आई दिवस पर विशेष :
सूरीनामी भाषा में अवधी भाषा के शब्दों का काफी इस्तेमाल होता है ( राजीव सक्सेना )
नीदरलैंड में भारतीय मूल के लोगों की यूरोप में दूसरी सबसे बड़ी आबादी है । डच कॉलोनी सूरीनाम जो अब छोटा सा देश है, यहाँ रहने वाले प्रवासी भारतियों का मूल आधार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार बताया जाता है। सूरीनामी भाषा में अवधी भाषा के शब्दों का काफी इस्तेमाल होता है। सूरीनाम के 1975 में स्वतंत्र होने पर काफी तादाद में प्रवासी भारतियों ने नीदरलैंड जाना ज्यादा पसंद किया।पलायन करने के लिए मुख्य प्रेरणा उच्च शिक्षा आदि की सुविधा होना था। भारतीयों ने नीदरलैंड में उत्प्रवास कब शुरू किया यह कहना मुश्किल है। भारत और नीदरलैंड के बीच संपर्क कई सदियों से चला आ रहा है।
भारतीय सूरीनाम में काफी समय से रहने के बाद भी नहीं बदले । 140 साल पहले आये प्रवासी भारतियों के वंशज अब भी वहाँ मौजूद हैं। उन्होंने अपनी संस्कृति को वैसे ही सुरक्षित कर रखा है। गीत, नृत्य, और खाद्य सब कुछ अभी भी वैसा ही है। दाल-पुरी जैसे भारतीय व्यंजनों का लोग सेवन करते हैं ।
आजाद हिंद ब्रिगेड के बारे में डच टीवी पर कार्यक्रम में बताया गया था कि जर्मन कब्जे वाले हॉलैंड में जून 1943 में एक सिख ब्रिगेड ने प्रवेश किया था। इस ब्रिगेड का गठन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सलहा पर किया गया था। इनमें से तीन हजार सैनिकों को ड्रेसडेन में प्रशिक्षित कर नीदरलैंड के उत्तर में तैनात किया गया था । वहाँ से उन्हें दक्षिण फ्रांस में ले जाया गया था ।