27 नवंबर 2015

विदेशी बैंकों के कारोबार समेटने का अप्रत्याशित सिलसिला शुरू

--एच एस बीसी की जिनीवा शाखा में चार अरब डालर से अधिक धन लगाया था भारतीयों ने

नई दिल्‍ली :भारतीयों के द्वारा बैंकिग क्षेत्र में लगाये गये काले धन ने जहां इंटरनेशनल बैंको ने भारत में अपने लिये सुनहरे भविष्‍य की संभावनाये मानकर कार्यविस्‍तार किया था किन्‍तु वहीं अब आयकर के मनी लांड्रिग के मामलों में ताजा रुख से कई बैंके बेहद पशोपेश में है और तेजी के साथ अपने निजिनिवेशकों के साथ के कारोबार को तेजी के साथ समेटने का काम शुरू कर चुकीहैं। सबसे ज्‍यादा प्रतिकूल असर प्रोपर्टी सैक्‍टर के कारण हुआ है। नियम व व्‍यवस्‍थाओं को नजरअंदाज कर
शुरू किये गये मल्‍टी स्‍टोरेज ,हाई राइज बिल्‍डिंग एवं काप्‍लैक्‍सों के प्रोजेक्‍ट बैंकों के लिये धन फंसाने वाले साबित हो रहे है।हाई प्रोफाइल के निवेशक भी सरकारी कडाई कम करवाने में बेअसर साबितहो रहे हैं जबकि पूर्व में ख्‍याति प्राप्‍त व्‍यक्‍ति खामियों को ढांपने वाले साबित होते रहे हैं। बैंक आफ स्काटलैंड ने दो महीने पहल निजि निवेश से अपनेहाथ खीचे थे जबकि अब यही कदम उेश के बैंकिग क्षेत्र में खास साख रखने वाली एच एस बी सी ने हाथ खींच लिये हैं।
प्राप्‍त जानकारी के अनुसार  वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता एचएसबीसी ने भारत में अपने निजी बैंकिंग कारोबार को बंद करने की आधिकारिक घोषणा शुक्रवार को जरूर की किन्‍तु इसकी सुगबुगहाट कई दिन से शुरू हो चुकी थी।  कंपनी इस कारोबार के तहत संपत्ति प्रबंधन सेवाओं की पेशकश करती है.बैंक के एक प्रवक्ता के अनुसार वैश्विक निजी बैंकिंग परिचालन की रणनीतिक समीक्ष के बाद, बैंक ने अपने कारोबार को बंद करने का फैसला किया है. ' अधिकारी ने कहा कि शांतनु अंबेडकर की अगुवाई में लगभग 70 लोग कार्यरत हैं जिन्हें अब खुदरा बैंक में सम्माहित किया जाएगा।
बैंक ने इससे पहले दिन में अपने कर्मचारियों को भेजे एक विभागीय ईमेल में इसकी घोषणा की. उल्लेखनीय है कि रायल बैंक आफ स्काटलैंड ने दो महीने पहले ही अपने निजी बैंकिंग कारोबार से हटने की घोषणा की थी.हालांकि अभी यह पता नहीं चल सका है कि बैंक अपने संपत्ति प्रबंधन कारोबार के तहत कितने धन का प्रबंधन कर रहा है.

प्रवक्ता ने कहा कि यह कारोबार मार्च 2016 तक बंद कर दिया जाएगा और उसके चुनिंदा ग्राहकों को एचएसबीसी प्रीमियर में जाने का विकल्प होगा. एचएसबीसी प्रीमियर उसकी वैश्विक खुदरा बैंकिंग व संपत्ति प्रबंधन इकाई है.ब्रिटेन का यह बैंक भारत में भी एचएसबीसी प्रीमियर में निवेश कर रहा है ताकि उत्पाद व सेवा पेशकश बढाई जा सके.

उल्लेखनीय है इस वैश्विक बैंक की निजी बैंकिंग इकाई काले धन को लेकर एक जांच का सामना कर रही है क्योंकि पत्रकारों के एक वैश्विक समूह आईसीआईजे की एक जांच में पाया गया था कि 1000 से अधिक भारतीयों ने 2007 तक एचएसबीसी की जिनीवा शाखा में चार अरब डालर से अधिक धन लगाया।