19 जून 2015

ताज नगरी आगरा में कीठम सूर सरोवर के जंगलों को बचाने के लिए पर्यावरण-प्रेमियों की धरना

कीठम सूर सरोवर
विश्व प्रसिद्ध ताज नगरी  आगरा में मथुरा रिफाइनरी और ताज महल के बीच बाईंपुर रेंज के  कीठम वन  क्षेत्र को २५० मीटर करने के निर्णय का पर्यावरण-प्रेमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं  ने धरना देकर जबरदस्त  विरोध किया. मथुरा रिफाइनरी और ताज महल के बीच बाईंपुर रेंज का कीठम वन, प्रदूषण रोकने के लिए बफर कवच का काम करता है.
ब्रज खण्डेलवाल ने बताया की सुप्रीम कोर्ट ने दस किलोमीटर निर्धारित किया था, वन..
विभाग ने पांच किलोमीटर की सिफारिश की थी, पूर्व जिलाधिकारी जुहेर बिन सगीर ने एक किलोमीटर का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था, और अब मण्डलायुक्त ने २५० मीटर करने का आदेश दिया है. एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने आगरा की इंडस्ट्रीज को बंद कर दिया ताकि प्रदूषण से ताज महल महफूज़ रहे, दूसरी तरफ आज के प्रशाशनिक अधिकारी बिना किसी एक्सपर्ट ओपिनियन के वन क्षेत्र को सीमित करने का यह घातक खेल रच रहे हैं. 
कैलाश वन क्षेत्र बचाओ समिति के अध्यक्ष गोस्वामी मुरारी लाल शर्मा ने कहा की बिल्डर्स और उद्योगपतियों के दवाब में वन क्षेत्र को ख़त्म करने की साज़िश चल रही है. अनधिकृत निर्माण चुपके चुपके चल रहा है, वृक्ष काटे जा रहे हैं.डॉ देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा की इस तरह के निर्णय जनता के साथ खुली बहस के बाद लिए जाने चाहिए. आगरा में हरियाली का विशेष महत्त्व है. इसको कम करना भविष्य के पैरों पर कुल्हाड़ी मारना होगा. 
डॉ अभिनय प्रशाद ने बताया की जब तक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में यमुना डूब क्षेत्र का फैसला नहीं हो जाता तब तक कोई नयी विकास की योजना जिसका कोई औचित्य न हो, बल्कि जिसकी वजह से ग्रीन कवर कम हो, उनका विरोध किया जाना चाहिए. 
पर्यावरण विद श्रवण कुमार सिंह ने कहा एक तरफ यमुना नदी से खिलवाड़ हो रहा है दूसरी तरफ जंगलों को साफ़ करने का कुचक्र जारी है. शहरवासियों को जागना होगा, और सरकारी कोशिशों पर लगाम लगनी होगी. 
धरने में ईको क्लब के प्रदीप खण्डेलवाल, बाईंपुर रेंज के सामाजिक कार्यकर्ता माधव सिंह, प्रोफेसर अनिल जोसफ   , नरेश पारस, इंडिया राइजिंग के सदस्य आदि ने भाग लिया.