आगरा ( नरेश पारस ) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो के माध्यम से पूरे देश को अपने मन की बात बताई। बाल श्रम निषेध दिवस पर आज पूरी दुनिया में सेमिनार, गोष्ठियां और रैलियां आयोजित की गई लेकिन बाल श्रमिकों के मन की बात किसी ने नहीं पूछी। ये कमजोर कंधे बाल श्रम के बोझ से झुके हुए हैं। मैंने कई बाल श्रमिकों से मन की
बात पूछी । हर बच्चे की मजबूरी उसकी आंखों से छलकी। बहुत दुख हुआ कि जिनके लिए योजनाएं बनायी जाती हैं, असल में उनतक पहुँच ही नहीं पाती हैं। क्या बाल श्रमिकों के साथ ऐसे ही छलावा होता रहेगा।