--आतंकवाद में संलिप्तों को सरकार लम्बे समय तक जेल रख सकेगी निरुद्ध
(आतंकवाद विरोधी कानून के पारित हाने से नाखुश कट्टर पंथियों क्वालालंपूर की सडकों पर जताया विरोध) |
नई दिल्ली: मलेशिया ने आतंकवाद से निपटने के लिये कडा कानून
बनाया है,जिसके तहत आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों को
वर्षों तक बंधक बनाकर रखने और उनकी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने का अधिकार
सरकार के पास हो गया है।तमाम आपत्तियों और संभावित खतरों की आशंकाओं को सामने
लाये जाने के बावजूद ‘असाधारण’ खतरों से निपटने के
लिए संसद ने कानून को अंतत: परित कर ही दिया। सत्तारूढ़ बैरिसन नेशनल गठबंधन
के सदस्यों ने आतंकी संगठनों की ओर से पैदा हो सकने वाले ‘असाधारण खतरों’ से निपटने के लिए सरकार को कानूनी रूप से सक्षम बनाये जाने की जरूरत पर बल दिया वहीं विपक्षी इससे नागरिक आधिकारों के हनन और दुरोपयोग की संभावनाओं पर चिता जतयी।
के सदस्यों ने आतंकी संगठनों की ओर से पैदा हो सकने वाले ‘असाधारण खतरों’ से निपटने के लिए सरकार को कानूनी रूप से सक्षम बनाये जाने की जरूरत पर बल दिया वहीं विपक्षी इससे नागरिक आधिकारों के हनन और दुरोपयोग की संभावनाओं पर चिता जतयी।
उप गृहमंत्री वान जुनैदी जाफर के अनुसार यह
कानून जरूरी है और यह ऐसी चीजों के घटित होने का इंतजार करने के बजाय इन्हें घटित
होने से ही रोकना जरूरी है।उललेखनीय है कि सीरिया से लौटने वाले दो लोगों समेत 17 मलेशियाई लोगों की
गिरफ्तारी इस समय देश में चर्चा में है और पूरे मलेशिया में आतंकवाद के मामले पर
एक खुली बहस छिडी हुई है।
मलेशिया एक स्लामिक राज्य है,इस लिये गैरइस्लामिकों से निपटने
में उसे कभी कोई दिक्कत नहीं किन्तु इस्लाम के नाम पर आतंक का सहारा लेने
वालों से निपटने में जरूर सरकार को दक्कत आती रही है जो कि इस कानून के बनने
बाद काफी हद तक दूर हो जायेगी।