--बजरंग दल और विहिप के विरोधी तेवर बरकरार
--यू पी टूरिजम विभाग के सहयोग से अभी इलहाबाद और होना है आयोजन
आगरा,तमाम विरोध में उठे स्वरों को नजर अंदाज कर ‘इंडो पाक फूड फैस्टेविल’
दूसरे दिन भी बडी भीड को आकर्षित करने में कामयाब रहा।तमाम विरोध और कश्मीर
में गर्मायी राजनीति के कारण हर्षोल्लास का यह आयोजन भी अच्छे खासे विवाद से
नहीं बच सका। आगरा के मुख्य पालीवाल पार्क में इसका आयोजन किया गया है,पांच दिवसीय
यह आयोजन अभी अगले तीन दिन और चलेगा
(डी एम आगरा पंकज कुमार एग्जीविशन के स्टाल को देखते हुए।) |
पर्यटन विभाग और
नेशनल चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के आपसी सहयोग से हो रहे इस फैस्टेविल
में तीस स्टाल लगाये गये हैं।खन पान के स्टालों पर वही परंपरागत भोजन हैं जिनके
नाम और रैसिपी अक्सर टेलीविजन के किचिन और फूड शो मे आती रही हैं।जिला अधिकारी
पंकज कुमार ने कहा कि प्रेम और सुलहकुल का संदेश देने वाल आगरा शहर से बढिया इस
आयोजन के लिये और कौन सा स्थान हो सकता है।उन्हों ने ही इस आयोजन का औपचारिक
उद्घटन भी किया था।
फूड फैस्टेविल ने
आगरा
के नागरिकों को बडी संख्या में आकर्षित किया उनमें मुस्लिम समाज से कही अधिक हिन्दू है,यह बात अलग है कि इस आयोजन का शहर के कई भागों में जमकर विरोध किया जाना भी जारी रहा ।
के नागरिकों को बडी संख्या में आकर्षित किया उनमें मुस्लिम समाज से कही अधिक हिन्दू है,यह बात अलग है कि इस आयोजन का शहर के कई भागों में जमकर विरोध किया जाना भी जारी रहा ।
आयोजन की सफलता को
दृष्टिगत करांची की महिला हुमेरा का कहना हे कि दोनो देशों के कारोबारी और
सांस्कृतिक रिश्ते सौहादृता वाले होने दिये जायें।जिससे आने वाले वकत मे
राजनैतिक रिश्तों के मधुर होने को पुख्ता आधार बन सके।
मुल्तान की रिहाना गौसर का कहना है कि जिन
लोगों से भी मिलने का मौका मिला उनसे दोस्ती और भाईचारा के लिये नई ऊर्जा मिली। मेले की आयोजक हुमैरा
बुखारी और सनी मलिक ने बताया कि लखनऊ के बाद कानपुर और अब आगरा में फेस्टिवल लगाया
है। 20 दिनों के
कार्यक्रम में तीनों शहरों को शामिल किया गया है। मई में पटना, बनारस और इलाहाबाद में यह लगेगा। हुमैरा पाकिस्तान
से आयी हुई हैं और उन्हें आशा है कि ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सिल्क रूट जरूर खुलेगा और एक बार फिर से गिलगित, बाल्टिस्तान के बीच कश्मीर का रास्ता कारोबार शुरू
होगा किन्तु अभी शायद वक्त नहीं आया है।