लखनऊ - सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने दिवाली की रात 8 से 10 बजे तक मात्र दो घंटे के लिए पटाखे फोड़े जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। जहरीले पटाखे पर प्रतिबंध 2015 में दो शिशुओं, छह महीने के बच्चे और 14 महीने के बच्चों के पिता द्वारा दायर याचिका पर आया था। इस दायर याचिका में कहा गया था कि वायु प्रदूषण की वजह से विभिन्न कारणों , विशेष रूप से पटाखों, ने दिल्ली को एक गैस चैंबर बना दिया था और उनके जीवन के अधिकार के लिए निवेदन किया था।इस सम्बन्ध में प्रदेश प्रमुख सचिव कल्पना अवस्थी द्वारा सभी संभागीय आयुक्तों, जिला मजिस्ट्रेटों और जिला पुलिस प्रमुखों को निर्देश दे दिए गए हैं।निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है ।शीर्ष अदालत ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पटाखों की बिक्री और उपयोग पर ऐसा
प्रतिबंध लगाया ।हालांकि अदालत ने पारंपरिक पटाखों की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया, लेकिन इसने दीवाली पर ग्रीन पटाखों ’का उपयोग करने की अनुमति दी।आठ अन्य सरकारी प्रयोगशालाओं के सहयोग से वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI) द्वारा विकसित, 'पटाखे' पारंपरिक पटाखों की तुलना में 30 प्रतिशत कम प्रदूषणकारी हैं।कल्पना अवस्थी ने कहा कि शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इसका पालन न करने वाले लोगों को स्थानीय स्टेशन हाउस ऑफिसर द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है ।