24 अक्तूबर 2019

बसपा के घटते वोट आधार की ओर खतरे की घंटी

उ प्र विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के  बाद मायावती के  2022 के विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी को सत्तारूढ़ भाजपा के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में पेश करने के  सपने को ढेर कर दिया। बसपा ने  2019 के आम चुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था और पार्टी ने यूपी में 10 लोकसभा सीटें जीतीं थीं। बसपा  उपचुनावों में अपना  खाता तक  खोलने में नाकाम रही और कुछ सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई ।बीएसपी के वरिष्ठ नेताओं को लगता है कि  इन नतीजों ने घटते वोट आधार की ओर अलार्म के रूप में काम किया है। पार्टी ने जलालपुर सीट खो दी जो उसके पास थी ।लखनऊ छावनी में बसपा चौथे स्थान पर रही। रामपुर में, एक मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र में  बसपा के जुबैर मसूद खान चौथे स्थान पर आए और यही स्थिति  जैदपुर में  रही ।बसपा का  गढ़  मने वाले  मानिकपुर में पार्टी उम्मीदवार राज नारायण कोल तीसरे स्थान पर खिसक गए।