14 मार्च 2018

गोरखपुर और फूलपुर उपचुनावों में हार से भाजपा में होंगे बडे बदलाव

-- राजनाथ सिंह और डा महेश शर्मा से पूर्वी उ प्र में पार्टी के ग्राफ गिरावट के कारणों में 
राजनाथ सिंह               डा महेश शर्मा
एन सी आर बनाम पूर्वी यू पी : 'गेम' के बडे खिलाडी 
आगरा : उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर  और फूलपुर लोकसभायी सीटों के उपचुनावों के आये चुनाव परिणामों से भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता के गिरते ग्राफ को लेकर अब कोयी संशय नहीं रह गया है। गोरखपुर से मुख्‍यमंत्री श्री योगी आदित्‍य नाथ  की सीट पर   सपा के प्रवीन निषाद तथा उपमुख्‍यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के द्वारा खाली की गयी फूलपुर सीट से भी  सपा के ही श्री नागेंद्र पटेल विजयी रहे हैं।  इस करारी हार को लेकर भारतीय जनता पार्टी में खबली मच गयी  है।  पार्टी के कद्दावर नेतओं में कयी के दायित्‍व भी बदले जाने की संभावनाये प्रवल हो गयी हैं। उत्‍तर प्रदेश सरकार के कामकाज
पॉलर्टी के ग्राफ में  गिरावट 
को लेकर जनता में बनी असंतोष की स्‍थिति इसका मुख्‍य कारण माना जा रहा है। वैसे प्रदेश सरकार से भी  ज्‍यादा नकारात्‍मक संदेश जनता के बीच  केन्‍द्रीय पर्यटन एवं सांस्‍कृतिक मंत्री डा महेश शर्मा तथा केन्‍द्रीय ग्रहमंत्री राजनाथ सिंह की सरगर्मियों को लेकर पहुंचा  है। विरोधी दल ही नहीं आंतरिक रूप से भाजपा तक में दोनों को ही पूवी उत्‍तर प्रदेश के विकास के विरोधी चैहरे के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है।  केन्‍द्र सरकार में उत्‍तर प्रदेश का नेतृत्‍व करने वाले श्री राजनाथ सिंह मूल रूप से पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के चंदौली जनपद के हैं किन्‍तु  राजनीति करने के लिये लखनऊ और एन सी आर तक ही सीमित हैं। खुद ही नहीं उनके अपने बेट श्री पंकज सिंह भी एन सी आर में आने वाली जैवर विधान सभाई सीट से ही चुनाव लड कर पविधायक बने हैं। वहीं डा महेश शर्मा ने समूचे उत्‍ततर प्रदेश के विकास पर ही प्रश्‍नचिन्‍ह लगा दिया है । मैट्रो, इंटरनेशनल एयरपोर्ट, सहित दर्जनों बडे निवेश की योजनायें गौतम बुद्ध नगर में सिमेट कर रख दी हैं। प्रतिक्रिया स्‍वरूप राज्‍य सरकार के संसाधन प्रदेश के अन्‍य जनपदों के लिये ओछे पडने लगे हैं। अदूर दर्शिता की स्‍थिति यह हे कि निजिक्षेत्र के बडे निवेश वाले संभावना के प्रचार वाले प्रोजेक्‍ट इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक किे लिये  सरकार को ही जमीन खरीद के लिये  तीन हजार करोड रुपये निकालने पडे  हैं। यू पी में नगर विकास विभाग और जल निगम के माध्‍यम से जनता को दी जाने वाली सेवाये पिछले छै महीने से ‘राम भरोसे ‘ जैसी स्‍थिति में पहुंच चुकी हैं। नगर विकास विभाग काम की जगह अखवारी विज्ञापनों पर ज्‍यादा धन खर्च कर रहा है।