इस्लामिक स्टेट (आईएस) की गिरफ्त से छूटे चार में से दो भारतीयों अध्यापकों ने अपने अनुभव के बारे में बताते हुए कहा कि जब आतंकियों को पता चला कि हमलोग पेशे से अध्यापक हैं तो उनका व्यवहार हमारे प्रति एकदम बदल गया।आतंकियों कहा कि वे टीचर्स का बहुत सम्मान करते हैं और इसलिए उन्हें नहीं मारेंगे। लीबिया के सिर्त यूनिवर्सिटी में कार्यरत चार अध्यापकों में से दो को आतंकियों द्वारा रिहा किया जा चूका है। हैदराबाद के टी गोपीकृष्ण और बलराम किशन आईएसआईएस के कब्जे में ही हैं।आतंकियों द्वारा छोडे गए लक्ष्मीकांत रामकृष्ण के अनुसार वे चारों लोग दो टैक्सियों में एयरपोर्ट जाते समय कुछ बंदूकधारियों ने उन्हें भी घेर लिया। एक सुनसान जगह पर ले जाया गया और हमारा सारा सामान चैक किया गया..
और उसकी लिस्ट बना ली गई। विजय कुमार ने बताया कि हम चारों को एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया गया। इसके बाद पूछताछ के लिए एक आतंकवादी आया जिसने अपना नाम शेख बताया।
और उसकी लिस्ट बना ली गई। विजय कुमार ने बताया कि हम चारों को एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया गया। इसके बाद पूछताछ के लिए एक आतंकवादी आया जिसने अपना नाम शेख बताया।