अब इस्तेमाल किये गए प्लाटिक पैकेजिंग को डीजल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जायेगा। अब शीघ्र वह दिन दूर नहीं जब रेलवे स्टेशनों पर फेंकी गई प्लास्टिक की बोतलों, कपों तथा अन्य पैकेजिंग पदार्थों से डीजल बनने लगेगा और उससे डीजल इंजन चलने लगेंगे। भारतीय वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान केंद्र (सीएसआईआर) के तहत स्थापित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ...
पेट्रोलियम (आईआईपी), देहरादून के साथ मिलकर रेलवे प्रतिदिन एक टन प्लास्टिक कूड़े से डीजल बनाने की क्षमता वाला प्लांट लगाने की योजना में है। यदि यह प्लांट आर्थिक रूप से सफल रहा तो इस तरह के कई प्लांट लगाये जाएंगे।
पेट्रोलियम (आईआईपी), देहरादून के साथ मिलकर रेलवे प्रतिदिन एक टन प्लास्टिक कूड़े से डीजल बनाने की क्षमता वाला प्लांट लगाने की योजना में है। यदि यह प्लांट आर्थिक रूप से सफल रहा तो इस तरह के कई प्लांट लगाये जाएंगे।