दाल खाने का एक लंबा इतिहास |
ऋग्वेद जैसे प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी मसूर की दाल का उल्लेख देखा जा सकता है, जो लगभग 1500 ईसा पूर्व के हैं। इसे बनाना भी काफी आसान है, यह प्रोटीन, कार्ब और फाइबर से भरपूर है। यह भारत में शाकाहारियों एक मुख्य भोजन है। दाल अधिकांश घरों में खाना आम है क्योंकि भारत दुनिया में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। दाल का उपयोग कई पारंपरिक व्यंजनों जैसे दाल मखनी, सांभर, रसम, पायसम आदि में किया जाता है।
दालों का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी है। दाल को शादियों और अन्य विशेष अवसरों पर परोसा जाता है। इसे धार्मिक त्योहारों में 'प्रसाद' के रूप में भी परोसा जाता है।