14 जनवरी 2024

नागरी प्रचारिणी सभागार में कलम के योद्धा पं रमाशंकर शर्मा को अर्पित की भावभीनी श्रद्धांजलि

 –पंडितजी के  कृतित्व , व्यक्तित्व और स्मृतियों को किया आपस में साझा

नागरी प्रचारिणी सभा लाइब्रेरी में पत्रकारों ने सभा कर
 स्व. पं रमाशंकर शर्मा दी श्रद्धांजलि। फोटो:असलम सलीमी
आगरा: जब देश में आपातकाल लागू हुआ तो उसका कई राजनेताओं और पत्रकारों ने प्रतिकार किया था। इन्हीं में शामिल थे पं.रमाशंकर शर्मा। उन्होंने शासन के द्वारा दी गये मान्यता कार्ड को लौटा कर कलम की निष्पक्षता से कभी समझौता नहीं किया। जब भी निष्पक्ष पत्रिकारिता और पत्रकार का जिक्र आता है अनायास ही पंडितजी याद आ जाते हैं। ये विचार ताज प्रेस क्लब के संस्थापक अध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना ने  रविवार को प्रचारिणी सभागार में दैनिक सैनिक समाचार पत्र के पूर्व सम्पादक एवं अमर उजाला समाचार पत्र के वरिष्ठ पत्रकार स्व. रमाशंकर शर्मा जी की स्मृति में आयोजित शोक सभा में व्यक्त किए। 

नागरी प्रचारिणी सभागार में रेडियो पत्रकारिता के स्तंभ प. रमाशंकर शर्मा की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प. रमाशंकर शर्मा जी के साथ लंबे समय तक पत्रकारिता जगत से

जुड़े रहे। कवि रामेंद्र मोहन त्रिपाठी ने कहा 70 के दशक में शर्मा जी ने पत्रकारिता शुरू की।वरिष्ठ पत्रकार भुवनेश श्रोत्रिय ने कहा कि रामाशंकर जी एक पत्रकार नहीं अपितु अपने आप में एक संस्था थे। उनके साथ पारवारिक संबधों को एक लम्बा और तीन पीढियों का संबध रहा है।उनके द्वारा सृजित साहित्य ,रिपोर्टिंग आदि हमेशा उनकी याद दिलाते रहेंगे।

ताज प्रेस क्लब पूर्व अध्यक्ष गजेंद्र यादव पंडित जी के साथ आत्मीय संबंधों के स्मरणों पर भावुक हो गए। उन्होंने कहा "पंडित जी पत्रकारिता की पाठशाला थे।" पंडित जी के शिष्य डा. अजय सिंह ने पंडित जी के चित्र पर पुष अर्पित किए। वरिष्ठ पत्रकार शिव शंकर भार्गव ने कहा "मैं उनसे 50 साल से परिचित था। स्वराज्य, सैनिक, अमर उजाला पंडित जी ने सेवाएं दीं। निश्छल स्वभाव थे।" संजय तिवारी ने कहा "पंडित जी जीवनभर अविवाहित रहे।" सतीश खंडेलवाल, रामहेत शर्मा ने कहा  "हसमुख व मिलनसार थे।" अमित शर्मा ने उन्हें "पत्रकारिता व साहित्य का संत बताया।" वरिष्ठ पत्रकार भुवनेन्द्र श्रोतिया ने कहा "मेरा तीन पीढ़ियों से उनके परिवार से रिश्ता हैं। ये मेरा सौभाग्य है। पंडित जी के पिता शुभासी जी ब्रज भाषा के बडे़ कवि थे।"

आगरा के पत्रकारों ने पं.रामाशंकर शर्मा को निर्भीकता
की मिसाल कह कर किया याद।फोटो :असलम सलीमी
उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) के जिला अध्यक्ष देश दीपक तिवारी ने कहा "पंडित जी की स्मृतियों और आदर्शों को युवा पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी। उनके आदर्शों को हमेशा याद किया जाएगा।" राजेश दीक्षित, ऋषि दीक्षित, डा महेश चंद्र धाकड़ ने उन्हें नमन किया। राजकुमार शर्मा ने कहा "हिन्दी साहित्य के नक्षत्र  पंडित जी स्वयं के प्रकाश से प्रकाशित थे।

मुकेश वर्मा, राजपाल भारद्वाज, शिव कुमारगुप्ता ने श्रद्धांजलि दी। वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना ने कहा "आपातकाल में रमा शंकर जी मान्यता प्राप्त पहले पत्रकार थे। प्रशासन को कार्ड वापास किया। आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाई। जीवनभर पत्रकारिता की। किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला। कलम से लड़ाई की, पेंशन योजना लाभ नहीं मिला। आगरा डा. बीआर अम्बेडकर विवि को उनके साहित्य व लेखन पर शोध कराना चाहिए।" सभा में हेमंत लवानिया, आशीष कुलश्रेष्ठ, अनिल शुक्ला ने शोक संवेदनाएं भेजीं। 

--पत्रकारों के परिवार के कई अन्य दिवंगतों को भी किया याद

श्रद्धांजलि सभा में ताज प्रेस क्लब कोषाध्यक्ष व हिन्दुस्तान के वरिष्ठ पत्रकार मनोज मित्तल की धर्मपत्नी स्व. अनीता जी, अमर उजाला के छायाकार मनीष शर्मा की माता जी स्व मालती देवी जी व ट्रांस यमुना निवासी पत्रकार राजेश दुबे के पिता स्व. ओम प्रकाश दुबे जी के निधन पर दिवगंत पुण्यात्मा की शांति के लिए सभा में मौन रख श्रदांजलि अर्पित की गई। सभा में मानिकचंद शर्मा, सतीश खंडेलवाल, राजपाल भारद्वाज, राघवेन्द्र दत्त शर्मा  अजय सिंह, एड. सत्य प्रकाश शुक्ल, डा. महेश चंद्र धाकड़, नरेंद्र नितांत, संजय तिवारी, राजेंद्र यादव, राजेश दीक्षित, शिवकुमार गुप्ता, ज्ञानेश वर्मा आदि उपस्थित रहे।