31 मई 2023

ताजमहल ही नहीं अन्‍य बहुत से दर्शनिय स्‍मारक भी हैं आगरा में

 --पर्यटन विकास के लिये अन्‍य दर्शनिय स्‍मारकों पर भी फुटफाल बढना जरूरी

आगरा: केन्‍द्र तथा राज्‍यों के पर्यटन संबधित राजकीय तंत्र ताजमहल केअलावा अन्‍य पुरातत्‍व सूची के स्‍मारकों की ओर आगरा आने वाले भ्रमणार्थियों को अपेक्षित रूप से आकर्षित नहीं कर सका ।  आगरा में एएसआई सूची के स्‍मारकों में दोश्रेणी केस्‍मारक है,जिनमें से पहली सूचीउनस्‍मारकों की है,जहां कि  टिकट टिकट लगता है,जबकि दूसरी श्रेणी मेंवेस्‍मारक है,जनको देखनेजाने पर भ्रमणार्थियों को कोयी शुल्‍क नहीं देना पडता है।

प्राप्‍त आधिकारिक जानकारी केअनुसार ए0एस0आई के द्वारा आगरा के स्मारकों से 7 वर्ष में 560.64 करोड़ रूपये प्राप्त हुए जिसमें से अकेले ताजमहल से प्राप्त राजस्व रू0 334.55 करोड़

था। आंकड़ों से यह भी स्पष्ट होता है कि हमारे केन्द्रीय एवं राज्य पर्यटन विभाग ताजमहल के अतिरिक्त अन्य स्मारकों तक पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर सका और उसकी नीतियां अधूरी रहीं। फतेहपुर सीकरी, एत्माददौला, सिकन्दरा मकबरा को देखकर पर्यटक प्रभावित हुए बिना नहीं रहता है लेकिन फिर भी उनको देश विदेश के पर्यटकों को नहीं दिखा सके।

पर्यटको के अन्‍य दर्शनिय स्‍थलों के प्रति पर्यटकों में रही उदासीनता पर्यटन विकास केअनुरूप नहीं है।  आगरा डवलपमेन्ट फाउन्डेशन (ए0डी0एफ0) के सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता जैन द्वारा इससंबध में एक पत्र केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी0 किशन रेड्डी को 23मई2023 को भेजा गया है,जिसमें यह कहा गया कि आगरा अनेक समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का घर है लेकिन हालिया आंकड़ों से यह पता चलता है कि आगरा आने वाले अधिकांश पर्यटक केवल ताजमहल ही देखते हैं और अन्य स्मारकों को बिना देखे चले जाते हैं। इसके लिए ए0डी0एफ की ओर से कुछ सुझाव भी सरकार कोदियेगये हैं।

अधिक जागरूकता बनाये

 ताजमहल से परे स्मारकों के ऐतिहासिक महत्व, वास्तुशिल्प प्रतिभा और सांस्कृतिक विविधता पर प्रकाश डालते हुए एक व्यापक जागरूकता अभियान लागू करें। इन कम ज्ञात आकर्षणों को बढ़ावा देने के लिए टेलीविजन, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया सहित विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करें।


 टूर पैकेज और यात्रा कार्यक्रमः

 आगरा में कई स्मारकों को शामिल करने वाले विविध टूर पैकेज और यात्रा कार्यक्रम बनाने के लिए ट्रैवल एजेंसियों, टूर ऑपरेटरों और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म को प्रोत्साहित करें। इन पैकेजों को शहर की विविध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करते हुए एक पूर्ण अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन किया जाना चाहिए।


 कनेक्टिविटीः 

आगरा में सभी प्रमुख स्मारकों को कवर करने वाली हॉप-ऑन और हॉप-ऑफ बस सेवाओं को शुरू करके शहर के भीतर कनेक्टिविटी में सुधार करें। यह पर्यटकों के लिए आसान पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा, उन्हें ताजमहल से परे अन्वेषण करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।


 मार्गदर्शक और सूचना केंद्र

 प्रत्येक स्मारक पर सूचना केंद्र स्थापित करें और जानकार स्थानीय गाइड तैनात करें ताकि आगंतुकों को इन आकर्षणों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सके। यह आगंतुक अनुभव को बढ़ाएगा और आगरा की विरासत के लिए प्रशंसा को बढ़ावा देगा।

 सहयोगात्मक प्रयासः 

 आगरा विकास प्राधिकरण, केंद्र और राज्य के पर्यटन विभागों, स्थानीय समुदायों और निजी हितधारकों के बीच कम प्रसिद्ध स्मारकों पर बुनियादी ढांचे, साइनेज और सुविधाओं को विकसित करने और बनाए रखने के लिए सहयोग को प्रोत्साहित करें। यह समग्र आगंतुक अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि इन साइटों को वह ध्यान मिले जिसके वे हकदार हैं।


उद्यान विकास समिति में नामित
श्री के सी जैन एवं डा.मुकुल पांडया
अधिवक्ता के0सी0 जैन व डॉ0 मुकुल पाण्डया उद्यान विकास समिति के सदस्य नामित हुए। मण्डलायुक्त अमित गुप्ता की अध्यक्षता वाली उद्यान विकास समिति के द्वारा अधिवक्ता के0सी0 जैन व डॉ0 मुकुल पाण्डया को सदस्य के रूप में दो वर्ष के लिए नामित किया गया है।

अधिवक्ता जैन की पर्यावरणींय विषयों में विशेष रूचि है जिनके द्वारा ताज महल के मार्बल के पीले होने को लेकर एक पुस्तक भी प्रकाशित की गयी है जिसका नाम ”स्टॉप ताज टर्निंग यलो“। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा अनेक याचिकाऐं सुप्रीम कोर्ट में स्वयं लगायी गयीं हैं जिसमें एग्रोफोरेस्ट्री को बढ़ावा देने, यमुना की डिसिल्टिंग कराये जाने की याचिकाऐं भी सम्मिलित हैं। ताज रात्रि दर्शन के ऑनलाइन टिकट की उनकी याचिका दिसम्बर 2022 में स्वीकृत हो चुकी है। स्थानीय वृक्षों की प्रजातियों को लेकर जागरूकता के लिए वह कार्यरत हैं। सड़क सुरक्षा व सूचना अधिकार के सम्बन्ध में भी अनेक याचिकाऐं सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गयी हैं।

डॉ0 मुकुल पाण्डया भी पर्यावरणविद् हैं जिन्हें पक्षियों, तितलियों और वृक्षों को लेकर गहरी जानकारी है और आगरा शहर में हरियाली को लेकर वे गम्भीरता से प्रयास कर रहे हैं और समय-समय पर अपना परामर्श प्रशासन और नगर निगम को देते आये हैं।

अधिवक्ता जैन व डॉ0 पाण्डया ने कहा कि वे आगरा में उद्यानों की स्थिति को बेहतर करने के लिए भरसक प्रयास करेंगे और अपने सुझाव समय-समय पर समिति के समक्ष प्रस्तुत करते रहेंगे।