-- सादगी,शिष्टाचार और खादी का पहरावा पहचान है इन बंधुओं की
श्री शशि श्रोमणी,डा अशोक श्रोमणी जर्नलिस्ट राजीव सकसेना सदन असगास में चित्रगुप्त परिषद के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में |
लेकिन शिरोमणी परिवार में अब भी
खादी का प्रचलन है, समाज सेवी एवं अपने समय के प्रख्यात कांग्रेसी डा प्रकाश नारायण शिरोमणी एवं उनके भाई ,पेशे से पत्रकार गोपाल नारायण शिरोमणी ता जिंदगी खादी को अपनाये रहे,अब इसी परंपरा को प्रख्यात अर्कीटैक्ट शशि शिरोमणी एवं उनके छोटे भाई डा अशोक शिरोमणी खदी की इस परंपरा को अब भी जारी रखे हुए हैं।प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने विशुद्ध गांधी वादी विचारधरा को अपनाने वाले शिरेमणी बंधुओं का मंच से अभिनंन्दन किया ।हाल में मौजूद चित्रांश बंधुओं को बताया कि किस प्रकार उनका बचपन में अपने मामा स्व.हरिकृष्ण शास्त्री के साथ शिरोमणी बंधुओं के निवास लता कुंज आना जाना रहा है।श्री शशि शिरोमणी श्री चित्रगुप्त परिषद के संस्थापकों में से एक है तथा अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके लिये उन्हे बतौर पूर्वाध्यक्ष एक अन्य पूर्वाध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव 'बब्बल भाई' के साथ ही सम्मानित भी किया गया ।
समर्पित सेवाभावी
डा. अशोक शिरोमणी को कोयी सम्मान इस वर्ष मंच पर बुलाकर नहीं दिया जा सका किन्तु कौरोना काल में रही सेवाओं को आम आगरा वासी जानता है। जी हां जब तमाम लोग कमाई में लगे हुए थे और फीस तय करने के लिये सरकार पर दबाब डाल रहे थे तब डा शिरोमणी सेवा भावी बने विकित्सकीय और भोजन वितरण के इंतजाम में लगे हुए थे। उनकी सेवाभावी गतविधियों का स्मरण कर समाज सेवी श्री हरीश चिमटी एडवोकेट कहते हैं कि 'लगता है देश में सोनू सूदों को सम्मान दिये जाने की परंपरा स्थगित सी है' ।वहीं डा नीरज स्वरूप ने समाज सेवी एवं पेशागत रूप में निर्यातक-उद्यमी श्री रजत अस्थाना के द्वारा कौरोना की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी से जूझते आगरा प्रशासन को ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर (Oxygen Concentrator) भेंट करने कीजानकारी देते हुए कहा कि विशुद्ध समाज सेवी की भावना से किये गये इस अच्छे कार्य की जानकारी चित्रांश परिवार में भी कम ही को है।