-- ताज ट्रिपेजियम अथार्टी के मौजूदा स्वरूप में बदलाव को चर्चा सामायिक जरूरत
आगरा पर चर्चारत'दैनिक जागरण', के संपादक अवधेश महेश्वरी एवे जनर्लिस्ट राजीव सक्सेना |
उन्होंने कहा कि व्यापक संभावनाओं से भरपूर इस महानगर हितों पर सबसे ज्यादा प्रतिकूल असर पर्यावरण कानूनों को बेतरतीबी से थोपे जाने से हुआ है। जैसे ही कानून बना यहां प्रभावी कर डाला गया, जबकि उन वैज्ञानिक उपायों और तकनीकियों के क्रियान्वयन को लेकर उदासीनता रही जो वायु प्रदूषण रोकने व पर्यावरणिय स्थितियां बैहतर बनाये जाने में उपयोगी हो
सकती थीं।-- टीटीजैडए पर मंथन सामायिक जरूरत
श्री महेश्वरी ने कहा कि अब वक्त है ,जबकि ताज ट्रिपेजियम जोन अथार्टी की प्रासंगिकता और उसके माध्यम से क्रियान्वित करवाये जा रहे कार्यक्रमों व लगाये जाते रहे प्रतिबंधों पर वि वि परिसरों, नागरिक संगठनों और औद्यौगिक व व्यवसायिक संगठनों में चर्चा हो। यही नहीं इनके माध्यम से आयी जानकारियों के आधार पर मौजूदा पर्यावरणीय कानूनों या प्रतिबंधों में आवश्यक बदलाव की जरूरत को सरकार के संज्ञान में लाया जाये। उन्होंने कहा कि टी टी जैड अथार्टी वायुप्रदूषण रोकने जैसे अपने आधार भूत लक्ष्य भी संबधित विभागों से पूरा नहीं करवा सकी,यहां तक कि इंडस्ट्रियाल यूनिटों की जरूरत के लिये परर्याप्त क्षमता के कम्यूनिटी एफ्यूलैंट ट्रीटमेंट प्लांट (सर ए टी पी)तक नहीं लगाये जा सकने वाले दायित्व भी निर्वाहन करवाये जा सके।
-- बेरोजगारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता
श्री महेश्वरी ने कहा कि बेरोजगरी अत्यंत गंभीर दौर में है, ब्यूरोक्रेसी और जनप्रतिनिधियों को इसके समाधान के लिये समुचित उपाये निकालने चाहिये। इसके लिये उन उद्यमों और कारोबारों को सूचीबद्ध करना होगा जो ताज ट्रिपेजियम जोन में लगाये जाने को अनुमति मिने के दायरे में हैं। जिससे कि स्टार्टअप या चल रहे एक्सपेंशन प्रयास को महज अनुमति न मिलने के कारण रोकना पडे। जूता और पर्यटन उद्योगों के अलावा अन्य कारोबारों में भी संभावनाये तलाशनी पडेंगी।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट
सार्वजनिक परिवाहन व्यवस्था में तत्कालिक सुधार के कदम जरूरी है,समय बद्धता और गति से ही यह संभव है ।जेएनयू आर एम के तहत संचालित नगर बस सेवा कभी नागरिकों के लिये आकर्षण नहीं बन सकी,नये इलैक्ट्रिक बस सेवा प्रोजेक्ट की स्थिति भी सही नहीं है। इनके संचालन के लिये बनी कंपनी (Agra Mathura city transport services limited) के काम काज में आवश्यक सुधार सबसे अहम जरूरत है।
-- स्मार्ट सिटी का फीडबैक चिंताजनक
श्री महेश्वरी ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के बारे में जो फीडबैक सामने आते रहे हैं,वे चिंताजनक हैं। मानीटरिंग की पर्याप्त व्यवस्था के बावजूद जनजीवन उपयोगी सुविधायें अब तक सुचारू हो जानी चाहिये। प्रोजेक्ट के तहत क्या क्या काम होने चाहिये थे और क्या क्या हो रहे हैं। इसे लेकर कुछ कहना तो इस समय प्रासंगिक नहीं है ।लेकिन जो भी कार्य हुए हैं उनके परिणाम जरूर आना शुरू हो जाना चाहिये।
गंगाजल प्रोजेक्ट के बावजूद पानी की कमी
श्री महेश्वरी गंगाजल पाइप लाइन प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन की स्थिति को एक गंभीर मुद्दा मानते हैं। उन्हे मिली जानकारियों के अनुसार आगरा शहर में पाइप लाइन डालने के मूल प्लान में कई ऐसे बदलाव हुए है,जिससे महानगर के कईभागों में गंगाजल अब तक नहीं पहुंच सका है। यही नहीं 150क्यूसेक आवंटन में आगरा का भाग 140क्यूसेक है,जबकि इससे कहीं कम गंगाजल मिल पा रहा है।
श्री महेश्वरी ने कहा कि शासन या निकायों की योजना कितनी भी जनहितकारी और प्रचारित हो किन्तु नागरिको के छोर पर अगर उसके परिणाम सामने आते नहीं दिखते उसे कैसे उपयोगी मानाजा सकता है। सरकार को अपनी योजनाओं के डिलीवरी ऐंड पर फीडबैक जरूर लेते रहना चाहिये। एक पत्रकार के रूप में योजनाओं को लेकर जनता के छोर पर मिलने वाली प्रतिक्रियाओं का उनके लिये हमेशा महत्व रहा है और वह उसका अपनी न्यूजों के तथ्यों के रूप में हमेशा समावेषित करते रहे हैं।
--आरटी आई और जनसुनवायी
पत्रकार राजीव सक्सेनादैनिक जागरण', के संपादक अवधेश महेश्वरीएवे फोटो जनर्लिस्ट असलम सलीम |
श्री महेश्वारी जनसूचना के अधिकार, जनसुनवायी ,सिटीजन चार्टर आदि को सरकार से संवाद करने को जनता के पास उपलब्ध सहज माध्यम मानते हैं।अर टी आई एक्टिविस्ट से मिली जानकारी उनके लिये हमेशा महत्वपूर्ण रही है और अब भी उनके सहकर्मी पत्रकारों के लिये उपयोगी है।
श्री महेश्वारी मूल रूप से आगरा के हैं, दो दशक पहले , एक सीनियर रिपोर्टर के रूप 'दैनिक जागरण' में सेवा शुरू करने से पूर्व म प्र के दैनिक , नव भारत के संपादकी विभाग में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। संपादक के रूप में आगरा आने से पूर्व दैनिक जागरण की मुरादाबाद और बरेली इकाईयों में संपादक के रूप में कार्यरत रहे। रिपोर्टर के रूप में उनकी रही प्रतिबद्धताओं को दृष्टिगत आगरा एडीशन का संपादक बनने पर शहरवासियों को 'आगरा के हित में कुछ करने की उनसे खास अपेक्षायें हैं