--बडों के साथ दिनचर्या साझा करना आदत में शामिल करें
एडी जी राजीव कृष्ण के साथ सिविल सोसायटी के अध्यक्ष डा शिरोमणी सिंह,जर्नरल
सैकेट्री अनिल शर्मा तथा स्कूलों के स्टूडैंट विजिटर्स।फोटो:असलम सलीमी
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने सैंट विंसेंट गर्ल्स हाई स्कूल ( St. Vincent Girls High School ),सेंट पॉल्स इंटरमीडिएट कॉलेज (St. Paul’s Intermediate College ) और सेंट मार्क्स पब्लिक स्कूल (St. Mark’s Public School )
स्कूलों के स्टूडैंटों की टीम के सदस्यों की तमाम जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए स्टूडैंट्स से कहा के वो रोज अपने माता पिता से 15 मिनट स्कूल मे हर दिन बिताए समय की चर्चा करें और बताएं स्कूल में क्या क्या हुआ। रोज के डिस्कशन से परिवार मे आने वाली परिस्थितियों को मिलजुल कर सुलझा लिया जा सकता है।उन्होंने ,किशोर वय की अपरपक्व मनोस्थितियों को दुरुपयोग कर सोशल मीडिया पर शोषण और दुर्भावना से उनके साथ किये जाने जा सकने वाले अपराधों के प्रति सचेत किया। उन्होंने कहा कि किशोरों को अपराध की ओर प्रवृत्त करने की घटनाएं केवल भारत में ही नहीं दुनिया के दूसरे देशों में भी बढी हैं। इस प्रकार के कृत्यों को बच्चो के माता पिता या संरक्षक सहजता के साथ उन्हें सचेत कर सुरक्षित कर सकते हैं।
केवल डांटने या टोकना ही समाधान नहीं
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण एक ऐसा वातावरण तैयार करने का हरसंभव प्रयास जरूरी है,जिसमें बिना झिझक व डर के अपनी परेशानी बताने की हिम्मत जुटा सकें। और यह केवल आत्मीयता पूर्ण दोस्ताना माहौल से ही संभव है। राजीव कृष्ण ने अपने पुत्रों का दृष्टांत देते हुए बताया के उन्होंने दोस्तना महोल में अपने पुत्रों को बारहवीं में और उसके के बाद अपने पसंद के विषय चुनने के लिए प्रेरित किया। उनका बड़ा पुत्र तीरंदाज़ी मे राष्ट्रिए स्तर का खिलाड़ी है और अभी नेशनल लॉं कॉलेज मे है। उन्होने एक पिता होने के नाते से कहा के डांट और रोज टोकने से काम नहीं चलेगा। बच्चों को नियमित रूप से समझा ना होगा। पेरेंटल गाइडेंस बहुत जरूरी है।
ए डी जी आगरा जोन राजीव कृष्ण,सिविल सोसायटी के जर्नरल सैकेट्री अनिल शर्मा और राजीव सक्सेना- फोटो:असलम सलीमी |
श्री कृष्ण ने कहा कि कैरियर के जितने भी रास्ते हैं, वे सभी कडी प्रतिस्पर्धा से भरपूर है। उन्होंने कहा कि क्लास पास करलेना अपेक्षाकृत आसान होता है,किसी प्रतिस्पर्धी स्थिति का सामना नहीं करना होता है, वहीं इसके ठीक विपरीत कंपटीशन सफलता के लिये सीमित अवसर ही प्रदान करता है। इसमें नम्बर पाने का महत्व नहीं होता प्रतिस्पर्घियों में श्रेष्ठ साबित होना मुख्य लक्ष्य होता है
एडी जी ने कहा कि वह उस हकीकत को बयां कर रहे हैं,जिसका सामना उनकी पीढ़ी ने किया है। अगर कोई कंपटीशन दस वैकेंसियों को पूरा करने के लिये पूरी मेहनत करता है,लेकिन जो श्रेष्ठ होते हैं,उन्हें ही सेवा अवसर मिलपाता है।
यादगार विजिट
कार्यक्रम में हर स्कूल से 10 छात्र थे, साथ में सेंट मार्क्स पब्लिक स्कूल की टीचर मंजुला सेठ , सैंट पॉल्स इंटर कॉलेज की टीचर विभा शर्मा सैंट विंसेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की टीचर वसुधा सिंह, शिरोमणि सिंह अध्यक्ष सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा, राजीव सक्सेना, अनिल शर्मा- सेक्रेटरी सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा और असलम सलीमी ने भाग लिया। सैंट विंसेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल ने राजीव कृष्ण को मेमोंटो और थैंक यू कार्ड भेंट किया।स्टूडैंटों में अधिकांश का मानना था कि यह बिजिट उनके लिये एक न भूलने वाला अनुभव है।
सैलों की जानकारियां
पूर्व में एडीजी कार्यालय के जनसंपर्क अधिकारी इंस्पैक्टर श्री सुलभ सरन-ने छात्रों और टीचर्स को एडीजी ऑफिस का भ्रमण करवाय ,उन्होंने बताया कि अलग अलग सेल जैसे -सर्वेलांस जहां सेल फोन पर नज़र रखी जाती है , साइबर क्राइम -फ़ाइनेंष्यल और सोश्ल , चुनाव प्रकोष्ठ, के प्रभारियों ने स्टूडैंट्स को उनके कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। छात्रों के लिए यह एक नया अनुभव था, हर सेल के इंचार्ज से सवाल पूछ कर जिज्ञासा पूर्ण कि।