4 सितंबर 2022

दयालबाग जहाँ के लोग पर्यावरण के प्रति बहुत संवेदनशील माने जाते हैं

 

आगरा। दयालबाग न गांव है न ही शहर। आपने दयालबाग का नाम अवश्य सुना होगा। इसकी स्थापना  1915 में हुई थी । दयालबाग की नींव के ठीक बगल में, शैक्षणिक भवन की नींव रखी गई थी जिसे राधास्वामी शैक्षिक संस्थान के रूप में जाना जाता है। दयालबाग गांव की तरह ही शांतिपूर्ण और पर्यावरण के अनुकूल परिसर कहा जाता है। यहाँ न तो ऊँची इमारतें हैं और न ही झोपड़ियाँ। यहां रहने वाले लोग पर्यावरण के प्रति बहुत संवेदनशील हैं, शिक्षा के प्रति समझदार हैं, सुरक्षा के प्रति जागरूक हैं, ऊर्जा के प्रति जागरूक हैं, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं, दूसरों की सेवा के प्रति जागरूक हैं।  दयालबाग परिसर में रहने वाले लोग आर्थिक जीवन शैली यानी सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास करते हैं। व्यर्थ कुछ भी नहीं करना  जो कुछ भी उनके पास है, वहाँ के लोगों  के जीवन का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत रहा है।  दयालबाग संस्कृति और जीवन के तरीके से दुनिया को बेहतर रहने योग्य बनाने से जुड़ी  है।