31 दिसंबर 2021

सिंचाई विभाग , बहु उपयोगी पं.दीनदयाल सरोवर तक पर शुरू नहीं करवा सका कार्य

दायित्व के प्रति लापरवाही की जानकारी दी पी एम ओ और मुख्यमंत्री को

नहर कोठी जोधपुर झाल पर चैंबर अध्‍यक्ष मनीष अग्रवाल ,पूर्व अध्‍यक्ष
सीताराम अग्रवाल एवं जर्नलिस्‍ट राजीव सक्‍सेना।(फाइल फोटो)
 

आगरा:भारत सरकार के जल शक्ति मत्रालय की जल संरक्षण नीति के अनुरूप पं.दीन दयाल सरोवर योजना को अनदेखा किये जाने को लेकर नेशनल चैंबर आफ इंडस्ट्रीज एंड कामर्स यू पी आगरा के द्वारा प्रधान मंत्री  नरेन्द्र मोदी एव जलशक्ति मंत्री पत्र लिख कर, सिंचाई विभाग उ प्र के आगरा में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों के रवैये की जानकारी देकर प्रभावी कार्रवाही करवाये जाने की अपेक्षा की गयी है।

भूजल स्तर की गिरवट रोकने और उसकी गुणवत्ता में सुधार लाने की दृष्टि से यह योजना अति महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही ताज ट्रिपेजियम जोन के क्षेत्र में धूलिय कणों को कम कर नम्यता लाये जाने के लिये भी इसकी खास उपयोगिता है ।

चैंबर के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने जलशक्ति मंत्री से अपने स्तर से भी इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी प्राप्त करने का आग्रह

किया है।उन्होंने  प्रदेश के मुख्यमंती को भी ऐसा ही एक पत्र लिख कर जलसंरक्षण और ताज ट्रिपेजियम जोन के पर्यावरण सुधार में योगदान देने वाली इस योजना का क्रियान्वयन न किये जाने को लेकर चिंता जतायी है।

-- सुन नहीं रहे अधिकारी

   चैंबर अध्यक्ष का कहना है कि  पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के नाम पर गैर जरूरी योजनाओं के क्रियान्वयन में ही अगर उलझे रहे और जलसंरक्षण के कार्य को  अनदेखा किया गया तो आगरा की दुश्वारियों का बढते जाना तय है । दिल्ली और नौयडा जैसी चुनौतियां महानगर के समक्ष कभी बन सकती हैं। उन्होंने कहा है कि  पर्यावरण के लिये ग्रीन कवर सबसे बडी आवश्यकता है और इसके लिये वर्षाजल के समान ही भूजल की स्थिति भी सुधरी रहना जरूरी है । लेकिन आगरा में यह संभव नहीं हो पा रहा है । जहां जहां भी जलसंरक्षण की संभावनाओं की कोशिशें हुई हैं सिंचाई विभाग के तृतीय मंडल, सिंचाई कार्य आगरा के अधिकारी (Engineer III Circle, Irrigation Circle Work, Agra) उदासीन साबित होते रहे हैं। 

-- 16करोड झान मीटर पानी क्षमता का जलाशय

सिकंदरा राजवाह पर चार सैल्‍यूस गेट लगते ही सुचारू हो जायेगा
16 करोड घन मीटर जल संचय क्षमता का पं.दीन दयाल सरोवर।

घइसका ताजा तरीन उदहारण जोधपुर झाल का है,इसका तटबंध तथा सिकन्दरा राजवाह का सुध्रढी करण होते ही  जिसमें 16करोड घन मीटर पानी संचय करने की क्षमता है किन्तु सिंचाई विभाग कार्ययोजना को आगे बढाने के नाम पर उलझाता ही रहा है। इस तथ्य तक को नकारता रहा है कि इस जलाशय को भरपूर रखने के लिये किसी अतरिक्त जल आवंटन की जरूरत नहीं है। 

 वर्षा जल और सिकन्दरा राजवाह के कीठम एस्केप के डाउन में नान रोस्टर दिवसों में से भी कुछ दिन का ही  पानी  जोधपुर झाल को पानी से भरपूर बनाये रखने को पर्याप्त होगा,जिसे कि एस्केप (जखीरा नाला) से होकर निस्तारित करना पडता है ।

-- सहयोग की पेशकश को किया अनदेखा

 चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने   बताया की अब तक सिंचाई विभाग धन अभाव को लेकर ही योजना का क्रियान्वयन अटकाये रहा है किन्तु हाल में ही चैम्बर ने अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता के साथ बैठक कर दीन दयाल उपाध्याय सरोवर योजना को अंजाम दिये जाने के लिये सिकन्दरा राजवाह का सुध्रढीकरण तथा पानी का इन फ्लो  रैग्यूलेट करने के लिये चार सैल्यूस गेट लगवाये जाने का प्रस्ताव भी रखा किन्तु कोयी प्रत्युत्तर प्राप्त नहीं हुआ । 

 चैंबर अध्यक्ष सिंचाई विभाग की इस नकारात्मक स्थिति के बावजूद सक्रिय बने हुए है और उन्होंने जोधपुर झाल को पं दीन दयाल सरोवर के रूप में परवर्तित करने का प्रयास जारी रखने का निश्चय किया है। उनका मानना है कि कुछ अधिकारी कुछ भी कहे या करें किन्तु केन्द्र की मोदी सरकार तथा प्रदेश की योगी सरकार की नीति जल संरक्षण की है। चैम्बर जो कुछ कर रही है,वह इसी नीति को बल देने वाला है।

-- सी एम को भी लिखा

एक जानकारी में उन्होंने कहा कि जनपदों में पर्यावरण एवं जल समस्या को लेकर चैम्बर बहुत ही चिंतित है।  इस चिंता के कारण ही  चैम्बर के द्वारा  पं.दीन दयाल उपाध्याय सरोवर योजना को लेकर जो पत्र प्रधानमंत्री  को  पत्र लिखा है जिसकी प्रतिलिपियाँ भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय, मुख्य मंत्री, उत्तर प्रदेश, मुख्य सचिव- उत्तर प्रदेश एवं मंडलायुक्त, आगरा को भी प्रेषित की हैं। उल्लेखनीय है कि दीनदयाल सरोवर योजना के तहत जोधपुर झाल 152 एकड़ भूमि में एक असंरक्षित जलाशय है,  जिसमें  16 करोड़ घन मीटर क्षमता का जलाशय बनाया जाना है, लेकिन योजना बहु उपयोगी होने के बावजूद क्रियान्वित नहीं की जा रही है। 

 भूजल स्तर की गिरवट रोकने और उसकी गुणवत्ता में सुधार लाने की दृष्टि से यह योजना अति महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही ताज ट्रिपेजियम जोन के क्षेत्र में धूलिय कणों को कम कर नम्यता लाये जाने के लिये भी इसकी खास उपयोगिता है ।