-भाजपा नेता पूर्व विधायक केशोमेहरा ने सुझाया था केन्द्र को
अब डा श्रीवास्तव ने मौसम विज्ञान एवं पर्यावरण विभाग से इस संबध में आधिकारिक जानकारी मांगी है. इस हाईड्रोजन फैकट्री में मौसम विभाग और रक्षा प्रतिष्ठानों से संबधित जरूरतों को
पूरा करने के लिये हाईड्रोजन का उत्पादन होता है.जलअपघटन तकनीकि से इस प्रतिष्ठान में लगभगअट्ठरह हजार क्यूबिक मीटर हाईड्रोजन उत्पादन के साथ ही बडी मात्रा में आक्सीजन भी उपलब्ध होती है. सह उत्पाद के रूप में उत्पादित इस आक्सीजन को वायुमंडल में छोड दिया जाता है. प्राप्त जानकारी के अनुसार रोज लगभग अट्ठारह हजार क्यूबिक घन मीटर हाईड्रोजन का उत्पादन रोज होता है , इसी के सापेक्ष आक्सीजन भी उत्पादित होती है.आगरा छावनी
विधान सभा क्षेत्र से विधायक रहे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री केशो
मेहरा ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा विज्ञान मौसम एवं
पर्यावरण विभाग को पत्र लिखकर इस
अनुपयोगी आक्सीजन को अस्पतालों ,क्लीनिकों ,नर्सिंग होमों को उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करवाने का अनुरोध किया था ,जो कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौर में आक्सीजन की घोर किल्लत से जूझ
रहे थे. भारत सरकार को आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिये विदेशों से इस गैस का
आयात करना पड रहा था. यह वह समय था जबकि विपक्ष केन्द्र सरकार पर आक्सीजन की कमी
को लेकर जमकर राजनैतिक हमले कर रहा था. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट भी आक्सीजन की कमी
को लेकर सरकार से जबाब तलब कर रहा था.
श्री मेहरा
ने कहा है कि चूंकि यह आक्सीजन पानी के अपघटन की प्रक्रिया से उत्पादित है, इस लिये यह वायु से फल्टर कर बनने वाली आक्सीजन की तुलना
में कहीं शुद्ध है साथ ही बिजली का खर्च सीमित होने से कहीं सस्ती भी. भाजपा नेता
का कहना है कि पूर्व में यहां की आक्सीजन का उपयोग कई नर्सिंग होम और अस्पतालों के
करने के बारे में भी जानकारियां संज्ञान में आयी हैं.
श्री मेहरा
ने कहा है कि उ प्र के अधिकांश जनपदों में प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना की तर्ज
पर ही दबा ,इलाज, और
उपकारण उपलब्ध होने से ही सही रूप में जनता को लाभ मिलसकना संभव है. उन्होंने कहा
कि चिकित्सा से संबधित वस्तु या व्यवस्था की उपलब्धता भी साथ ही सामान्य जन की
पहुंच लायक सस्ती भी. संभवत बुन्दू कटारा की हाईड्रोजन फैक्ट्री में निष्प्रयोज्य
वाई प्रोडैक्ट के रूप में उत्पादित होने वाली आक्सीजन सबसे सस्ती है.