30 मई 2021

होम्‍यौपैथ दबायें भी कोरोना संक्रमण सीमित करने में असरदार

 --आक्‍सीजन की कमी दूर करने और शारीरिक प्रतिरोध क्षमता बढाने में खास प्रभावी 

डा.कैलाश सारास्‍वत

आगरा: कोराना संक्रमण के उपचार के दौरान होम्‍योपैथक दबाओं को भी लिया जा सकता है। यह कहना है,प्रख्‍यात होमोपैथ्‍य चिकित्‍सक डा कैलाश उपाध्‍याय का। उनका कहना है कि भारत सरकार की गाइड लाइंस के अनुरूप  ही संक्रमित का इलाज होना चाहिये ,लेकिन अगर होम्‍योपैथ की दबाये भी ली जाती रहें तो इलाज और भी प्रभावी हो जाता है, यह कहना है प्रख्‍यात होम्‍योपैथ डाक्‍टर प्रो डा कैलाश सारास्‍वत का ।   

  उन्‍हों ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम को चल रहे प्रयास महत्‍वपूर्ण हैं लेकिन ये तभी सार्थक साबित हो सकते है ,जबकि नागरिक इनमें सक्रिय भागीदारी निर्वाहन करें। इस तथ्‍य को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता कि देश भी कोरोना संक्रमण से मुक्‍त नहीं हुआ है और वाइरस अपना रूप बदल केर नयी चुनौतियां दिये जा रहा है।विशेषज्ञ मानरहे है कि देश को अभी तीसरी लहर का भी सामना करना

पड सकता है। इम्‍युनिटी बढाने के लिये अलबम 200की दो बूंद या पांच गोलियां सप्‍ताह में एक बार लेने से शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है।इस लिये एक चिकित्‍सक के नाते मुझे यह कहने में कोयी संकोच नहीं है लोगों कोअपनी शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता बढाते रहने सबसे अहम है।

सरकार की गाइड लाइंस के मुताबिक इलाज करना  करना चाहिेये ।इस इलाज के साथ ही अगर होम्‍योपैथ की दबाये भी अगर लेते रहे तो  काफी प्रभाव होता है।मरीज जल्‍द स्‍वस्‍थ्‍य होता है। ।

एक जानकारी में डा सारास्‍वत ने बताया कि आक्‍सीजन की कमी को पूरा करने के लिये इसके लिये कारोबेज 200 की दो बूंद या पांच गोली हर घंटे लेना कारगर साबित होता है,बेनेडियम 30की दो बूंद या पांच गोली सप्‍ताह में एक दिन में चार बार लेंनी चाहिये लेकिन इसके लिये भी चिकित्‍सकिया परामर्ष जरूरी है। सामान्‍य अनुभवा के अनुसार इससे आक्‍सीजन का तर बढ जायेगा।

 वैक्‍सीनेश समय की सबसे बडी जरूरत 

डा श्रेय सारास्‍वत 
डा.सारास्‍वत के साथ उनके पुत्र डा श्रेय सारास्‍वत  (MBBS  (DNB)  Anesthesia and critical care) भी अब परामर्षचिकित्‍सक के रूप में कॉरोना की 2020 में फैली पहली लहर के समय से ही कॉर्पोरेट सैक्‍टर के अस्‍पतालों का मोह त्‍याग अपने पिता के साथ प्रैक्‍टिस कर रहे हैं।स्‍वभाविक है कि होम्‍योपैथ के साथ एलोपैथ पद्यति के अनुभवों को लाभ भी मरीजों को मिल रहा है।

डा श्रेय का मुख्‍य जोर वैक्‍सीनेशन पर है। उनका मानना है कि वैक्‍सीनेशन जितनी जल्‍दी संभव हो सके होना चाहिये। मास्‍क और डिस्‍टैसिंग के साथ ही वैक्‍सीनेशन ही शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता बढाता है। 

होम्‍येपैथ को सरकार ने दी महत्‍ता

आयुष मंत्रालय ने अब होम्‍योपैथ चिकित्‍सकों के लिये भी अब वाकायदा प्रोटोकॉल जारी कर उसका अनुपालन करने का निर्देश दिया है। सरकार को बल है कि केवल क्‍वलीफाईड रजिसटर्ड चिकित्‍सक की उपचार करें। 

होम्‍योपैथ को भारत सरकार के साथ ही उ प्र सरकार के  द्वारा भी लगातार महत्‍व दिया जाता रहा है। हाल में ही प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के साथ ही जो उपाय किये उनमें होम्‍योपैथ डाक्‍टरों की भी सक्रिय सहभागिता को सुनिश्‍चित करने का प्रयास रहा। इसके लिये उन्‍होंने  आयुष चिकित्‍सकों से के साथ वर्चुअल संभाषण किया उसमें के सम्‍बन्‍ध में आवश्‍यक सूचना , कार्यालय निदेशक होम्‍योपैथ उ प्र आठवांतल इन्‍दरा भवन लखनऊ से  दिनांक 28 अप्रैल 2021को(नि.हो./351/ 1430(1),) एक पत्र जारी कर बेबीनार में होम्‍योपैथ डाक्‍टारेां की सहभागिता को कहा गया था। अपर मुख्‍य सचिव आयूष विभाग उ प्र शासन के द्वारा इसे आयोजित किया गया था।निदेशक श्री मनोज यादव ने भी इसके लिये पत्रक निर्गत किया था।

Guidelines for Homoeopathic Practitioners for COVID-19

https://vikaspedia.in/health/ayush/guidelines-for-ayush-practitioners-for-covid-19/guidelines-for-homoeopathic-practitioners-for-covid19