7 अप्रैल 2021

' हैलीपोर्ट ' बनने से आगरा में टूरिस्‍टों के ठहरने की अवधि घट सकती है

 -- विसिल व्‍लिहोर प्रोटैक्‍शन एक्‍ट को आदर्श मानकर सिविल सोसायटी ने जतायी चिंता 

                                    फोटो : असलम सलीमी
आगरा:आगरा में जनसामान्‍य की पहुंच सुलभ एयरपोर्ट बनाये जाने की मांग टूरिज्‍म इंडस्‍ट्री और  नागरिकों की लम्‍बे समय से चली आ रही है, उसको अंजाम न देकर सरकार ने ताजमहल के एक दम नजदीक 'हैलीपोर्ट 'बनवा डाला गया है। इसका आप्रेशन शुरू होते ही ताजमहल के अनुरक्षण तथा स्‍थानीय हॉस्‍पिटिलिटी इंडस्‍ट्री पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा। इस सम्‍बन्‍ध में सिविल सोसायटी आगरा ने प्रेस कांफ्रेंस करके 'विसिल विल्‍होर एक्‍ट के तहत- 2014' के प्राविधानों के अनुकूलता के समरूप स्‍थतियों को नागरिक संगठनों के लिये भी आदर्श
मानकर तमाम जानकारियां देकर कर आगरा की हॉस्‍पिलिटी इंडस्‍ट्री से नयी बनने जा रही स्‍थतियों का आंकलन करने की अपेक्षा की है। 

प्रेस कांफ्रेस में ताज ट्रिपेजियम जोन अथार्टी ( टी टी जैड ए) के गैर सरकारी सदस्‍यों सहित सर्वश्री आर के सचदेवा चेयरमैन ह्यूमन ड्यूटी फाऊंडेशन , डा.मधु भारद्वाज साहित्‍यकार तथा श्री उपेन्‍द्र सिह पॉलिटिशियन एवं हॉस्‍पिलिटी इंडस्‍ट्री आदि भी आमंत्रित किये गये थे।इनमें से टी टी जैड ए के सभी आमंत्रित गैर सरकारी सदस्‍य अन्‍य व्‍यस्‍तताओं  के कारण नहीं आ सके वहीं अन्‍य तीनों अब्‍जर्वरों ने प्रेस कांफ्रेंस के बाद मीडिया के समक्ष टिप्‍पणियां भी कीं।

हैलीपोर्ट से टूरिज्‍म पर प्रतिकूल असर

सिविल सोसायटी आगरा ने ताज सिटी में 'हैली-पोर्ट ' बनाये जाने को एक ऐसा  प्रोजेक्‍ट माना है जो कि स्‍थानीय 'हॉस्‍पिटलिटी इडस्‍ट्री ' पर प्रतिकूल असर डालने वाला भी साबित हो सकती है। सिकन्‍दरा स्‍थित होटल के एस रॉयल में आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्‍बोधित करते हुए सोसायटी के अध्‍यक्ष ,पार्षद डा शिरोमणी सिह ने कहा कि अब तक पर्यटक को अधिकतम समय आगरा में बिताने को प्रेरित करने वाली गतविधियो पर विचार किया जाता रहा है। जबकि हैलीपोर्ट की सुविधा जिस प्रकार से उपलब्‍ध करवाये जाने की तैयारी है वह पर्यटक को दिल्‍ली लौट जाने अधिक अनुकूलता प्रदान करने वाली है। 

डा सिंह ने कहा कि चूंकि ताजमहल के ऊपर का स्‍काई कवर, सीक्‍यूरिटी व एन्‍वायरमेंट के कारण  'नो फ्लाई जोन' के रूप में नोटीफाइड है , इस लिये उडन खटोले (हैलीकाप्‍टर ) में सवार होकर ताजदर्शन करवाने का उ प्र पर्यटन विभाग का यह कार्य ताजमहल संरक्षण के लिये जन संसाधनों से किये जा रहे प्रयासों के भी प्रथम दृष्‍यत: प्रतिकूल प्रतीत होता है।

सोसायटी के जनरल सैकेट्री श्री अनिल शर्मा ने कहा कि आगरा को जरूरत सिविल एयरपोर्ट की है,जिसका प्रोजेक्‍ट भी बनकर सर्वोच्‍च न्‍यायालय के द्वारा सुनवायी की जा रही एम सी मेहता बनाम संघ सरकार मुकदमें में की गयी अपेक्षाओं के अनुसार रिवाइज्‍ड हो चुका है। बैहतर होता कि अगर सिविल एन्‍कलेव योजना को ही क्रियान्‍वित करवाया जाता ।

श्री शर्मा ने कहा कि अगर सिविल एन्‍केलव वायुसेना परिसर से धनौली शिफ्ट हो जाता है,तब इसका उपयेग हैलीकॉप्‍टरों के लिये भी किया जा सकता था।वर्तमान में भी सिविल एन्‍केलेव से ही सरकारी और गेर सरकारी चोपर टेक आफ और लैंडिग करते हैं।

श्री शर्मा ने कहा कि सबसे ज्‍यादा कष्‍टकारी यह है कि सीमित उद्धेश्‍य वाली हैलीपोर्ट बनाये जाने की योजना को तो टी टी जैड के कोरजोन में पर्यावरण प्रतिकूलता वाली योजना होने के बाबजूद सरकार क्रियान्‍वित करवा रही है,वहीं ताजमहल से दस कि मी दूरी वाली सिविल एन्‍कलेव धनौली शिफ्ट करने की योजना के संबध में सर्वोच्‍च न्‍यायालय के समक्ष उठाये गये संशयों का समाधान तक करने का अपना दायित्‍व भी निर्वाहन नहीं कर सकी है। जब कि सर्वविदित है कि हवाईजहाज सामान्‍यत: टेकआफ करते ही उडान के लिये निर्धारित जिस एयर कॉरीडोर में गंतव्‍य के लिये गतिशली होता है, वह सामान्‍यत: 41हजार फीट एलीवेशन का होता है(बादलों का आगरा में एलीवेशन 31हजार फीट है।)जबकि ताज दर्शन करवाने के घोषित उद्येश्‍य वाले हैलीपोर्ट से उडान करने वाले हैलीकॉप्‍टरों को 400फुट से सामान्‍यत: बादलों से नीचे ही उडान भरनी होती है। वैसे भी हैलीकाप्‍टर के लिये वायुमंडल की कम वायुदाव वाली परत में उडान भरना काफी मुश्‍किल व अपेक्षाकृत अधिक खर्चीला होता है।

श्री शर्मा ने कहा कि सरकार भले ही कितने भी दावे करे किन्‍तु आगरा में एक्‍सप्रेस वे से एक्‍सिस वाले  इस हैलीपोर्ट को बनाये जाने का मकसद नौयडा में बनाये जा रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के फायदा पहुंचाना मात्र ही है।दरअसल एक प्रकार से यह एयर टैक्‍सी स्‍टैंड होगा ,जहां से नौयडा के इंटरनेशनल एयरपेर्ट के लिये सवारियों का आना जाना अधिक सुविधा जनक बनाया जाना मुख्‍य अघोषित  मकसद है।

पत्रकार  राजीव सक्‍सेना ने कहा कि आगरा को किसी भी टूरिज्‍म इकनामी पर निर्भर शहर के लिये सहज एक्‍सिस वाली एयर कनैक्‍टिविटी की जरूरत है, न कि किसी अन्‍य स्‍थान की एयर कनैक्‍टिविटी कीजरूरत को पूरा करने के लिये किसी एयरटैक्‍सी स्‍टैंड की।  उपयुक्‍त होगा कि सिविल एन्‍कलेव को धनोली शिफ्ट करने की योजना को तेजी के साथ पूरा करवाया जाये।

गैस्‍ट आर्ब्‍जवर 

पत्रकार वार्ता के दौरान मौजूद गैस्‍ट   आर्ब्‍जवर   ने प्रेस से इंटरैक्‍शन  के दौरान कहा कि सिविल सोसायटी के द्वारा उठाये गये मुददे महत्‍वपूर्ण है, सिविल एन्‍कलेव को वायुसेना परिसर से धनौली शिफ्ट करने की योजना को शीघ्रता के साथ पूरा करके ही तमाम संशयों का समाधान हो सकता है।ह्यूमन ड्यूटी फाऊंडेशन के चेयरमैन श्री आर के सचदेवा ने कहा कि आगरा की इकनामी की हालत बेहद चिताजनक है। टूरिज्‍म और शू इंडस्‍ट्री इस समय सीमिट कर रह गयी हैं।पोर्ट सिटी न होने के कारण आगरा को अपनी निर्यात परक जरूरतों को सुविधाजनक बनाने के लिये  एयरकार्गो एक बडी जरूरत है। वह मानते हैं कि आगरा की एयरकनैक्‍टिविटी को सुविधाजनक बनाया जाना यहां के अर्थतंत्र को बचाने के लिये सबसे बडी आवश्‍यकता है।जो केवल सिविल एन्‍कलेव को वायुसेना परिसर से बाहर लाकर ही संभव है। 
प्रख्‍यात हिन्‍दी साहित्‍यकार और केन्‍द्रीय सेवा में रही वरिष्‍ठ भाषा अधिकारी डा मधु भारद्वाज का कहना है कि आगरा में टूरिस्‍टों ही नहीं आम नागरिकों को भी हवाई सेवा का उपयोग करने में बेहद कठनायी होती है।यहां के लिये हैलीकाप्‍टर सुविधा हो या नहीं किन्‍तु किन्‍तु सिविल एयरपोर्ट को मूल प्रोजेक्‍ट अनुसार शिफ्ट करके बल्‍हेरा-धनौली जरूर लाया जाये। यात्री सुविधा से भी कही ज्‍यादा इसे वायुसेना परिसर की सुरक्षा के लिये जरूरी मानती हैं।
कांग्रेस वरिष्‍ठ नेता श्री उपेन्‍द्र सिह का मानना है, कि ' हैलीपोर्ट 'येजना आगरा की टूरिज्‍म इंडस्‍ट्री पर सर्वथा:प्रतिकूल असर डालने वाली है। इससे उडने वाले हैलीकाप्‍टरों का उपयोग ताजदर्शन  के लिये कम ग्रेटर नौयडा में स्‍विट्जर लैंड की कंपनी की भागीदारी वाले नौयडा के  इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिये यात्री ढुलाई में अधिक होगा। टूरिस्‍टों के इससे आगरा में प्रवास की अवधि सीमित हो जायेगी। जबकि आगरा की हॉस्‍पटलिटी इंडस्‍ट्री की मांग रही है कि आगरा में टूरिस्‍टों के प्रवास की अवधि को बढाया जाये और नइट स्‍टे को प्ररित करने वाली नाइट बाजार, कल्‍चरर शो आदि के आयोजन हों।