-- विसिल व्लिहोर प्रोटैक्शन एक्ट को आदर्श मानकर सिविल सोसायटी ने जतायी चिंता
फोटो : असलम सलीमी |
मानकर तमाम जानकारियां देकर कर आगरा की हॉस्पिलिटी इंडस्ट्री से नयी बनने जा रही स्थतियों का आंकलन करने की अपेक्षा की है।
प्रेस कांफ्रेस में ताज ट्रिपेजियम जोन अथार्टी ( टी टी जैड ए) के गैर सरकारी सदस्यों सहित सर्वश्री आर के सचदेवा चेयरमैन ह्यूमन ड्यूटी फाऊंडेशन , डा.मधु भारद्वाज साहित्यकार तथा श्री उपेन्द्र सिह पॉलिटिशियन एवं हॉस्पिलिटी इंडस्ट्री आदि भी आमंत्रित किये गये थे।इनमें से टी टी जैड ए के सभी आमंत्रित गैर सरकारी सदस्य अन्य व्यस्तताओं के कारण नहीं आ सके वहीं अन्य तीनों अब्जर्वरों ने प्रेस कांफ्रेंस के बाद मीडिया के समक्ष टिप्पणियां भी कीं।
हैलीपोर्ट से टूरिज्म पर प्रतिकूल असर
सिविल सोसायटी आगरा ने ताज सिटी में 'हैली-पोर्ट ' बनाये जाने को एक ऐसा प्रोजेक्ट माना है जो कि स्थानीय 'हॉस्पिटलिटी इडस्ट्री ' पर प्रतिकूल असर डालने वाला भी साबित हो सकती है। सिकन्दरा स्थित होटल के एस रॉयल में आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए सोसायटी के अध्यक्ष ,पार्षद डा शिरोमणी सिह ने कहा कि अब तक पर्यटक को अधिकतम समय आगरा में बिताने को प्रेरित करने वाली गतविधियो पर विचार किया जाता रहा है। जबकि हैलीपोर्ट की सुविधा जिस प्रकार से उपलब्ध करवाये जाने की तैयारी है वह पर्यटक को दिल्ली लौट जाने अधिक अनुकूलता प्रदान करने वाली है।
डा सिंह ने कहा कि चूंकि ताजमहल के ऊपर का स्काई कवर, सीक्यूरिटी व एन्वायरमेंट के कारण 'नो फ्लाई जोन' के रूप में नोटीफाइड है , इस लिये उडन खटोले (हैलीकाप्टर ) में सवार होकर ताजदर्शन करवाने का उ प्र पर्यटन विभाग का यह कार्य ताजमहल संरक्षण के लिये जन संसाधनों से किये जा रहे प्रयासों के भी प्रथम दृष्यत: प्रतिकूल प्रतीत होता है।
सोसायटी के जनरल सैकेट्री श्री अनिल शर्मा ने कहा कि आगरा को जरूरत सिविल एयरपोर्ट की है,जिसका प्रोजेक्ट भी बनकर सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा सुनवायी की जा रही एम सी मेहता बनाम संघ सरकार मुकदमें में की गयी अपेक्षाओं के अनुसार रिवाइज्ड हो चुका है। बैहतर होता कि अगर सिविल एन्कलेव योजना को ही क्रियान्वित करवाया जाता ।
श्री शर्मा ने कहा कि अगर सिविल एन्केलव वायुसेना परिसर से धनौली शिफ्ट हो जाता है,तब इसका उपयेग हैलीकॉप्टरों के लिये भी किया जा सकता था।वर्तमान में भी सिविल एन्केलेव से ही सरकारी और गेर सरकारी चोपर टेक आफ और लैंडिग करते हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि सबसे ज्यादा कष्टकारी यह है कि सीमित उद्धेश्य वाली हैलीपोर्ट बनाये जाने की योजना को तो टी टी जैड के कोरजोन में पर्यावरण प्रतिकूलता वाली योजना होने के बाबजूद सरकार क्रियान्वित करवा रही है,वहीं ताजमहल से दस कि मी दूरी वाली सिविल एन्कलेव धनौली शिफ्ट करने की योजना के संबध में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उठाये गये संशयों का समाधान तक करने का अपना दायित्व भी निर्वाहन नहीं कर सकी है। जब कि सर्वविदित है कि हवाईजहाज सामान्यत: टेकआफ करते ही उडान के लिये निर्धारित जिस एयर कॉरीडोर में गंतव्य के लिये गतिशली होता है, वह सामान्यत: 41हजार फीट एलीवेशन का होता है(बादलों का आगरा में एलीवेशन 31हजार फीट है।)जबकि ताज दर्शन करवाने के घोषित उद्येश्य वाले हैलीपोर्ट से उडान करने वाले हैलीकॉप्टरों को 400फुट से सामान्यत: बादलों से नीचे ही उडान भरनी होती है। वैसे भी हैलीकाप्टर के लिये वायुमंडल की कम वायुदाव वाली परत में उडान भरना काफी मुश्किल व अपेक्षाकृत अधिक खर्चीला होता है।
श्री शर्मा ने कहा कि सरकार भले ही कितने भी दावे करे किन्तु आगरा में एक्सप्रेस वे से एक्सिस वाले इस हैलीपोर्ट को बनाये जाने का मकसद नौयडा में बनाये जा रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के फायदा पहुंचाना मात्र ही है।दरअसल एक प्रकार से यह एयर टैक्सी स्टैंड होगा ,जहां से नौयडा के इंटरनेशनल एयरपेर्ट के लिये सवारियों का आना जाना अधिक सुविधा जनक बनाया जाना मुख्य अघोषित मकसद है।
पत्रकार राजीव सक्सेना ने कहा कि आगरा को किसी भी टूरिज्म इकनामी पर निर्भर शहर के लिये सहज एक्सिस वाली एयर कनैक्टिविटी की जरूरत है, न कि किसी अन्य स्थान की एयर कनैक्टिविटी कीजरूरत को पूरा करने के लिये किसी एयरटैक्सी स्टैंड की। उपयुक्त होगा कि सिविल एन्कलेव को धनोली शिफ्ट करने की योजना को तेजी के साथ पूरा करवाया जाये।
गैस्ट आर्ब्जवर