7 फ़रवरी 2021

कोरोना वैक्‍सीनेशन : अनुकूल माहौल, राष्‍ट्र के साथ हम कदम है 'आगरा '

    --अपनी पारी आने पर कोरोना वैक्‍सीन जरूर लगवायें : डा श्रेय सारास्‍वत

                       फोटो:असलम सलीमी
आगरा: माहनगर के युवा चिकित्‍सक डा  श्रेय सारास्‍वत ने कहा है कि अब कोविड19 संक्रमण समाप्‍त होने की स्‍थिति में है,     अगर  थोडी  से भी सावधानी और बचाव के उपायों के प्रति सक्रियता लोगों के द्वारा बर्ती जाती रही तो अगले कुछ महीनों में यह अवांछित   जैविक संक्रमण बीते दिनों की बात हो जायेगी।यह मानना है डा. सारास्‍वत का , जो कि एम बी बी एस (डी एन बी), एनेथीसिया ऐंड क्रिटिकल केयर डाक्‍टर हैं तथा उन्‍हें एम्‍स दिल्‍ली के ,इनद्र प्रस्‍थ अपोलो नई दिल्‍ली के रैजीडैंट डाक्‍टर होने का अनुभव भी है। राजधानी के शोध परक कार्यों के लिये विशिष्‍ट पहचान रखने वाले चिकित्‍सा शोध संस्‍थान पुष्‍पावती सिहघानियां रिसर्च इंस्‍टीट्यूट चिराग नई दिल्‍ली से भी  सम्‍बन्‍धित रहे डा.सारास्‍वत 
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नना है कि कोविड 19' को पूरीतरस से समाप्‍त करने के लिये वैक्‍सीनेशन की प्रक्रिया तिहायत जरूरी है , लेकिन इसको प्रभावी व व्‍यापक बनाये जाने के लिये   नागरिक सहभागिता  सबसे महत्‍वपूर्ण  है।

डा. सारास्‍वत ने कहा कि कोरोना से निपटने में भारत की भूमिका अहम रही है, जहां पूर्व में कोरोना से बचाव को सरकार के द्वारा प्रचारित प्रोटोकॉल को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्रभावी बनाये रखा गया ,वहीं टीको(वैक्‍सीनों) के अन्‍वेशण और उनकी उपलब्‍धता के मामले में भी भारत वैश्‍विक चर्चा में

है। भारत वायोटैक की 'को वैक्‍सीन' तथा सीरम इंस्‍टीट्यूट की ' कोविशील्ड ' को टीकारण के लिये व्‍यापक रूप से अपनाये जाने को चरणबद्ध कार्यक्रम तेजी के साथ प्रगति पर है।

डा सारास्‍व ने कहा कि आम नागरिकों को जो संकोच वैक्‍सीन को लेकर था वह कमोवेश अब दूर होने की स्‍थिति में है,  इसमें भी कोरोना वारियरों का महत्‍वपूर्ण योगदान है जिनके आरंभिक चरण में टीकाकरण किया गया था,वे हम सब के बीच से ही तो हैं।इसके बावजूद समाज के एक बडे वर्ग को प्रेरित करने के लिये प्रयासरत बने रहना होगा।

सकारात्‍मक रुख
डा.सारास्‍वत ने  कहा कि सबसे महत्‍वपूर्ण तथ्‍य यह है कि आगरा में वैक्‍सीनेशन को लेकर आम लोगों में सकारात्‍मक सोच है, कोरोना वारियरों के टीकारण के आरंभिक चरणों के पूरा होने के साथ ही इसमें अधिक बढोत्‍तरी हुई है। नागरिको में अधिकांश अवसर आने पर टीका करण करवाने के लिये मानसिक रूप से तैयार हैं। उन्‍होंने कहा कि नागरिकों का साक्षर होना तथा प्रचार माध्‍यमों तक उनकी पहुंच भी इसका बडा कारण है।

डा सारास्‍वत ने कहा कि उन्‍हें कहा कि जहां पहले केवल उपचार करवाने या टैस्‍टिग करवाने लोग डाक्‍टरो की ओर रुख करते थे वही अब वैक्‍सीनेशन के संबध में जानकारी लेने पहुंच रहे हैं। वे जानना चाहते है कि कौन कौन से वैक्‍सीन आ गये है, इनमें से उनके माफिक कौन सा है। 

प्रधान मंत्री की बात में दिलचस्‍पी

टीका लगवाने के बाद कितने दिन तक उन्‍हें घरही रहना होगा।हालांकि ये सभी ऐसे प्रश्‍न है जिनके बारे में मीडिया काफी प्रचार करता रहा है फिर भी लोग खुद डाक्‍टर के मुंह से ही सुनना चाहते हैं। उन्‍हों ने अपने पिता आगरा के सीनियर मैडीकल प्रैक्‍टिश्‍नर डा कैलाश सारास्‍वत को कोरोना काल के रहे  अनुभवों को साझा करते हुए  कहा कि कोरोना संबधित जानकारियों के बारे में लोगों को सबसे अधिक जागरूक बनाने का काम प्रधानमंत्री डा नरेन्‍द्र मोदी के द्वारा समय समय पर बतायी जाती रही जानकारियों से किया है।लोग श्री मोदी की बात सहजता से सुनते है और पूरा भरोसा भी करते हैं। 

डा सरास्‍वत बताते है कि वैसे उनका अपना अनुभव है कि एक बार अगर किसी को टीका लग गया तो उसके परिवार और आसपास  रहने वालों में टीका लगाये जाने का काम अत्‍यंत सहज हो जायेगा।कोरोना वारियरों का टीककरण होने के बाद के चरणों में 

संक्रमण पूरी तरह से समाप्‍त होना जरूरी

उल्‍लेखनीय है, कि उ प्र सरकार के आधिकारिक ट्यूटर हैंडिल से दी गयी जानकारी के अनुसार कोविड वैक्सीनेशन का अगला चरण 04 एवं 05 फरवरी को शुरू हो चुका है , जिसमें छूटे हुए स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा। 05 फरवरी को ही फ्रंट लाइन कर्मियों के भी कोविड वैक्सीनेशन का कार्य किया जाएग। अगले चरण की तारीख घोषित करदिये जाने तथा अब तक हुए टीकारकण को लेकर अपवादों को छोड कर कोयी भी प्रतिकूलता सामने न आना अपने आप में एक बडी उपलब्‍धि है। 

फिर भी कोरोना का संक्रमण जब तक पूरी तरह से समाप्‍त हो जाने की आधिकारिक घोषणा सरकार की ओर से नही हो जाये तब तक लोगों को संक्रमण से बचाव के प्रचलित तरीको के प्रति पूरी सजगता रखनी होगी। एक डाक्‍टर के रूप में मेरा मानना है कि श्‍वांस लेने में दिक्‍कत तथा बुखार होने पर चिकित्‍सक से परामर्ष कर ही दबा लेना चाहिये।शारीरिक प्रतिरोध क्षमता को बनाये रखना संक्रमण से सुरक्षित रहने की सबसे अहम जरूरत है।