--सादगी और पदगारिमा बढाने के लिये याद किये गये डा राजेन्द्र प्रसाद
पूर्व राष्ट्रपति स्व.डा राजेन्द्र प्रसाद की दी श्रद्धाजली
मनाया अधिवक्ता दिवस। |
आगरा: संवैधानिक पदों पर रहने के बाबजूद सादगी,सहजता और आम जनजीवन से अपने को विमुख न होने देने की मिसाल थे भारत के प्रधानमंत्री स्व.राजेन्द्र प्रासद । एक पेशागत वकील के रूप में जहां उन्होंने दायित्वों का सही मायने में निर्वाहन किया। उपरोक्त विचार श्री चित्रगुप्त परिषद के द्वारा कोविड-19 के प्रोटोकौल का पालन करते हुउ 'राजेन्द्र प्रसाद जयंती ' के अवसर पर वक्ताओं के द्वारा व्यक्त किये गये। संजय प्लेस स्थित श्री नितिन जौहरी एडवोकेट के चैम्बर में आयोजित इस कार्यक्रम को मुचय अतिथि के रूप में संवोधित करते हुए डा सुभाष सक्सेना ने कहा कि आज सबसे अहम जरूरत राजेन्द्र बाबू की अध्यक्षता में संविधान सभा के द्वारा बनाये गये संविधान की गारिमा का अहसास
अनवरत करवाते रहन का है।अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के महासचिव संजीव श्रीवास्तव (एडवोकेट) ने बताया की डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की जयंती के अवसर पर अधिवक्ता दिवस भी मनाया जाता है। न्यायपालिका का अधिवक्ता अभिन्न भाग है।उसके समक्ष भी पेशागत चुनौतियां लगातार बढी हैं। वादकारियों की लडाई लडने के साथ साथ कई बार एसे मौके आते है जबकि उनके सम्मान की लडाई भी संगठनों को लडनी पडती है। इन अप्रिय स्थितियों को शून्य किया जाना चाहिये अधिवक्ताओं के सम्मान को हरहाल में सुनिश्चित किया जाना चाहिये।
खुदीराम बोस को किया याद
गोष्ठी में डॉ नीरज स्वरुप, नीलेंद्र श्रीवास्तव, विशाल कुलश्रेष्ठ, शैलेश सक्सेना, नितिन जौहरी आदि ने अपने विचार व्यक्त कर कहा कि मौजूदा दौर सभी के लिये चुनौती भरा है ,हमसब को मिलजुल कर मुश्किले कम करनी है। उम्मीद जतायी गयी कि शीघ्र ही कोविड 19 के उपचार को वैक्सीन सहजता के साथ उपलब्ध होन लगेगी। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन महासचिव आर. पी. सक्सेना ने किया।