पर्यावरण रिपोर्ट में कोई अपात्ति नहीं सिविल एन्क्लेव बनने में
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सिविल सोसाइटी की प्रेस कॉन्फ्रेंस |
सिविल सोसाइटी,आगरा ने इस रिपोर्ट के रिपोर्ट को पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समय से सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किये जाने हेतु प्रेषित न करने का मुद्दा अहमियत से उठाया था और सुप्रीम कोर्ट को इस रिपोर्ट को पेश न किये जाने पर गम्भीर चिंता जता पत्र भी लिखा था।रिपोर्ट में एनवायरमेंट एसिस्मेंट का अध्ययन किया गया है और आई आई टी कानपुर से इस पर विशेषज्ञ और अन्तिरिम सूचनाओं को आधार बनाकर जानकारी ली गयी है। इस तकनीकी रिपोर्ट में कोई
ऐसी अपात्ति या मुददा नहीं है जो सिविल एन्क्लेव का काम शुरू करवाने में बाधक हो व्यवधान डालता हो । रिपोर्ट में निर्देशित किया गया है कि सिविल एन्क्लेव बनाते समय कवर्ड एरिया सम्बन्धित नियमों की व्यवस्था करनी होगी और धूल का नियंत्रण करने के उपाय करने होंगे। निर्माण सामग्री में दो प्रतिशत नमी भी सुनिश्चित करनी होगी।
सिविल सोसाइटी के जनरल सेक्रेट्री अनिल शर्मा का कहना है कि इस रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट संभवतः 15 जुलाई को संज्ञान में लेकर विचार करेगा और अगर सरकारी अधिवक्ताओं ने केाई आपत्ति नहीं व्यक्त की तो इसे सहजता से स्वीकृति मिल जायेगी।
सिविल सोसाइटी का मानना है कि यह रिपोर्ट मोदी सरकार 1 के दौरान ही तैयार हो गयी थी और इसे महीनों दावे रखकर आगरा में सिविल एन्क्लेव बनाने का कार्य व्यधानित रखा गया सिविल सोसाइटी द्वारा एक अन्य मुददा शिफिटंग प्रोजेक्ट को नये सिविल एन्क्लेव के निर्माण के रूप में दर्शाने का भी है। इस मुद्दे पर सोसाइटी की ओर से कडा एतराज जताया जा चुका है और कहा है कि ताज ट्रिपेजयिम जोन के अन्तर्गत जो सुविधाएँ व राहतें शिफिटंग के प्रोजेक्टों को दी जाती रहीं हैं वे सिविल एन्क्लेव को भी घोषित की जायें। इसी के साथ सोसाइटी ने उ0प्र0 सरकार से अपेक्षा की है कि बल्हेरा,अभरपुरा, धनौली के किसानों की प्रोजेक्ट के लिए जो अवशेष चिन्हित भूमि हैं उसे भी उपयुक्त मुआवजे के साथ अधिगृहत किया जाये और सदभावना प्रर्दशित करने के लिए सिवलि एन्क्लेव आगरा को भी अवशेष आवश्यक धन राज्य सरकार अपने बजट में उपलब्ध करवाये।
प्रेस वार्ता में श्री शिरोमणि सिंह,श्री राजीव सक्सेना, श्री निहाल सिंह भोले, श्री दयाल कालरा और अनिल शर्मा.