28 अगस्त 2018

यमुना में जल प्रवाह अवरुद्ध करने वाली बहुउद्देश्यी योजना का आगरा में विरोध

रिवर कनेक्ट कैंपेन के ब्रज खंडेलवाल 
आगरा। रिवर कनेक्ट कैंपेन और ब्रज मंडल हेरिटेज कंजर्वेशन सोसाइटी विरोध करते हैं यमुना पर बहुउद्देश्यी योजना का जिस से आगरा के लिए यमुना में जल प्रवाह अवरुद्ध होगा। ...यमुना नदी पूरी तरह मृत हो जाएगी।  ये आत्मघाती योजना बर्बादी और तबाही की तरफ ले जाएगी।
रिवर कनेक्ट कैंपेन के ब्रज खंडेलवाल ने कहा की हम यमुना में पूरे साल जल प्रवाह देखना चाहते हैं. इसके लिए तीन साल से ज्यादा समय से नित्य यमुना आरती सभा का आयोजन होता है।  सभी सदस्य कालवाड़ योजना का विरोध करते हैं. गड़करी जी से अनुरोध
है की अभी भी इस योजना को रोक दें।
योजना का प्रारूप :
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण तथा जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ऊपरी यमुना बेसिन क्षेत्र में 3966.51 करोड़ रुपये की लागत वाली लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण के लिए उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री श्री योगी आदित्‍यनाथ, राजस्‍थान की श्रीमती वसुन्‍धरा राजे, उत्‍तराखंड के श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरियाणा के श्री मनोहर लाल, हिमाचल प्रदेश के श्री जयराम ठाकुर और दिल्‍ली के श्री अरविंद केजरीवाल के साथ कल नई दिल्‍ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर करेंगे।

लखवाड़ परियोजना के तहत उत्‍तराखंड में देहरादून जिले के लोहारी गांव के पास यमुना नदी पर 204 मीटर ऊंचा कंक्रीट का बांध बनाया जाना है। बांध की जल संग्रहण क्षमता 330.66 एमसीएम होगी। इससे 33,780 हेक्‍टेयर भूमि की सिंचाई की जा सकेगी। इसके अलावा इससे यमुना बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्‍यों में घरेलू तथा औद्योगिक इस्‍तेमाल और पीने के लिए 78.83 एमसीएम पानी उपलब्‍ध कराया जा सकेगा। परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्‍पादन होगा। परियोजना निर्माण का काम उत्‍तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड करेगा।

परियोजना पर आने वाले कुल 3966.51 करोड़ रुपये की लागत में से बिजली उत्‍पादन पर होने वाले 1388.28 करोड़ का खर्च उत्‍तराखंड सरकार वहन करेगी। परियोजना पूरी हो जाने के बाद तैयार बिजली का पूरा फायदा भी उत्‍तराखंड को ही मिलेगा। परियोजना से जुड़े सिंचाई और पीने के पानी की व्‍यवस्‍था वाले हिस्‍से के कुल 2578.23 करोड़ के खर्च का 90 प्रतिशत (2320.41 करोड़ रुपये) केन्‍द्र सरकार वहन करेगी जबकि बाकी 10 प्रतिशत का खर्च छह राज्‍यों के बीच बांट दिया जाएगा। इसमें हरियाणा को 123.29 करोड़ रुपये, उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखंड में से प्रत्‍येक राज्‍य को 86.75 करोड़ रुपये, राजस्‍थान को 24.08 करोड़ रुपये, दिल्‍ली को 15.58 करोड़ रुपये तथा हिमाचल प्रदेश केा 8.13 करोड़ रुपये देने होंगे।     

लखवाड़ परियोजना के तहत संग्रहित जल का बंटवारा यमुना के बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्‍यों के बीच 12.05.1994 को किये गये समझौता ज्ञापन की व्‍यवस्‍थाओं के अनुरूप होगा। लखवाड़ बांध जलाशय का नियमन यूवाईआरबी के जरिए किया जाएगा।