20 अप्रैल 2018

‘सूर सदन ‘ में मनायी गयी महाकवि सूरदास की जयंती

-- ' इरा स्‍कूल'  के ग्रुप ने प्रस्‍तुत किया श्‍याम की लीला का मंचन 
प्रख्‍यात गजल गायक सुधीर नारायन ने महाकवि सूरदास को सूरसदन 
 
मे दी काव्‍यांजलि।                                      :फोटो असलम सलीमी
आगरा: महाकवि  सूरदास की 540 वीं जयंती पर एम जी रोड स्थित सूर सदन में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य राज्य मंत्री डा राम बाबू हरित ने कहा कि  ने कहा कि महाकवि सूरास  भक्तिकाल के शीर्ष कवियों में स्थापित हैं और साहित्य में उनका विशेष दर्जा है किन्तु  बृज संस्कृति की वह पहचान हैं। 
डा हरित  ने कहा कि खुशी की बात है कि सूरस्मारक मंडल सूरदास जी की स्मृति में कार्यक्रम करने की परंपरा को बनाये रखा हुआ
है किन्तु सूर जयंती कार्यक्रम को और अधिक भव्य पैमाने पर मनाये जाने की जरूरत है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि स्वतंत्रता सेनानी रानी सरोज गौरिहार ने कहा कि समाज की संरचना में सामजस्य बना रहे और जनजीवन में ओज और उत्साह बना रहे इसके लिये सांस्कृतिक गतविधियों की
इरा स्‍कल के कल्‍चरर ग्रुप ने सूर सदन में प्रस्‍तुत किया
कृष्‍ण लीला पर आधारित  ' वैले'' ।   फोटो:असलम सलीमी
निरंतरता जरूरी है। उन्हों ने कहा कि सूर साहित्य पर लगातार काम होना चाहिये। वात्सल्य रस से संबधित इससे बडा रस प्रधान सार्थक साहित्य और नहीं है।
डा अम्बेडकर विश्विद्यालय के समाज कल्याण संस्थान के पूर्व निर्देशक डा ब्रजेश चन्द्रा ने कहा कि बृज क्षेत्र संस्कृति के सूरदास जी सबसे सशक्त प्रतीक हैं। वैसे हकीकत यह है कि सूर साहित्य बृजक्षेत्र ही नहीं भारत की 
प्रख्यात संगीतज्ञ सुधीर नारायण ने सूरदास जी के पद्यों पर आधारित स्वयं की कंपोज की चार रचनाओं को प्रस्तुत किया ।सूरस्मारक मंडल के मंत्री भुवनेश श्रोत्रिय ने कहा कि सूर स्मारक मंडल की स्थापना साधना स्थल सूरकुटी ( रुनकुता) और परासौली (गोबर्धन) के संरक्षण  और सूर साहित्य के प्रचार के लिये जरूर हुई थी किन्तु समय के साथ हुए बदलाव के दौरों के बाद आज सूरस्मारक मंडल अपने आरंभिक लक्ष्य से कही आगे पहुंच चुका है और बृजक्षेत्र के साहित्य , संगीत,संस्कृति के व्यापक प्रचार प्रसार की ओर अग्रसर है। श्री श्रोत्रिय ने मंडल के कामों में प्रशासन के द्वारा डाले जा रहे व्यवधानों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि स्वयं सेवी संस्थाओं को अपने उद्येश्य प्राप्त करने के लिये प्रशासन के सहयोग की अपेक्षा रहती है , जबकि मंडल अवांछित हस्ताक्षेप से त्रस्त है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले वक्त में बहुत कुछ बदलने वाला है, इसमें सूरस्मारक मंडल के कामों में दखल की मौजूदा स्थिति मे तब्दीली भी शामिल है। कार्यक्रम में इरा पब्लिक स्कूल विजय नगर कॉलोनी के स्टूडैस ने ग्रुप डास सहित कयी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रसतुत किये। कार्यक्रम का संचालन रमेश पंडित एवं श्री सुशील सरित के द्वारा किया गया। द्वारा किया गया। 
 कवि सम्मेलन
सूरदासजी की जयंती के कार्यक्रमों के क्रम में  रुनकुता में सूर स्मारक इंटर कॉलेज में महाकवि सूरदास जी को समर्पित कवि सम्मेलन का आयोजन  हुआ । जसमें प्रख्यात कवियत्री डा शशि तिवारी, डॉ त्रि मोहन तरल, शिवराज सिंह यादव, शिव सागर, श्रीमती मीना शर्मा, श्रीमती सुधा अरोरा, राधा गोविंद पाठक, रामखिलाड़ी स्वदेशी, सोमदत्त व्यास, रचना गोस्वामी आदि ने सूरदास जी के सृजित  साहित्‍य को समर्पित रचनये प्रस्‍तुत कीं। पूर्व में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सूरस्मारक मंडल की महामंत्री डा विजय लक्ष्मी ने कहा कि विद्यालय के द्वारा किया गया एक अत्यंत सार्थक प्रयास है। इस परंपरा को आगे भी जारी रखे जाने का प्रयास किया जायेगा। मंडल के मंत्री श्री भुवनेश श्रोत्रिय ने कहा कि सूर स्‍मारक मंडल के समक्ष चुनौतियों क्रम लगातार बना रहा है। लेकिन इसके बावजूद संस्‍था की शिक्षण और सांस्‍कृतिक गतविधियों में कोयी कमी नहीं आयी है। उन्‍होंने मंडल को लेकर भावी योजनाओं का उल्‍लेख कर उम्‍मीद जतायी कि समय के साथ प्रशासन का रवैया बदलेगा और उसका असहयोग ,सहयोग में तब्‍दील होगा।  कॉलेज के प्रधानाचार्य नरेंद्र कुमार लवानिया एवम प्रबंधन ने कवियों और उपस्‍थित ग्रामीणों का सम्‍मान किया।