26 फ़रवरी 2018

‘कत्‍थक ऩत्‍य कला और अध्‍यात्‍म का बैहतरीन संगम’

--  पीर अलहाज शाह ने की  सितारा देवी स्‍मृति ‘नमन’ कार्यक्रम में शिरकत 
पीर अलहाज रमजान अली शाह ने किया सितारा देवी
 
स्‍मृति'नमन'  कार्यक्रम का उदघाटन साथ में ऩत्‍य गुुुरू  जयंती माला। 
( असलम सलीमी की रिपोर्ट ) आगरा,कत्‍थक नृत्‍य,  कला और अध्‍यात्‍म का बैहतरीन संगम है।गुरुशिष्‍य भावना इस कला की मूल अधार शिला है। पुराने समय से इसे समाज और व्‍यवस्‍था के द्वारा स्‍वीकृति रही है फलस्‍वरूप गुरुओं के आशीर्वाद और संगतों से समाज स्‍वभाविक रूप से लाभान्‍वित होता रहा है। यह कहना है अखिल भारतीय सर्वधर्म साबरी एकता संगठन के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष एवं दरगाह मरकज साबरी आगरा के सज्‍जादानशीं पीर अलहाज रमजान अली  शाह का।  वह मुम्‍बई में प्रख्‍यात नृत्‍यांगना सितारा देवी की स्‍मृति में  कलाकृति केन्‍द्र मुम्‍बई के तत्‍वावधान में ‘भवन कल्‍चर्स’ के सांस्‍कृतिक हॉल में 
प्रख्‍यात नृत्‍यांगना सितारा देवी की स्‍मृति में आयोजित  दो दिवसीय 'नमन’ कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। 
 उन्‍होंने उम्‍मीद जतायी कि कलाकार की उपलब्‍धि अपनी ही नहीं होती बल्‍कि  इससे उस क्षेत्र का नाम भी जुडा होता है जहां से उसका जन्‍म से रिश्‍ता  होता है। पीर अलहाज रमजान अली शाह  ने उम्‍मीद जतायी कि आने वाले वर्षों में कलाकारों को इस आयोजन के माध्‍यम से और ज्‍यादा सार्थक प्रस्‍तुतियों को देने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर कत्‍थक  गुरू जयंती माला की बेटी और शिष्‍या ऋषिका मिश्रा ने उत्‍कृष्‍ट कलाशैली युक्‍त कत्‍थक प्रस्‍तुत किया। पटना से आये राजीव रंजन ने नृत्‍य, रंजीत बारोट ने ड्रम बजाकर, संतोष मिश्रा ने गायन, सोमनाथ मिश्रा ने सारंगी, के माध्‍यम से उत्‍कष्‍ठा मनोरंजन करने के साथ सितारा देवी को श्रद्धांजली दी। कार्यक्रम के समापन सत्र का संचालन राजेश मिश्रा और अर्चना वडेकर ने संयुक्‍त रूप से किया। पीर साहब के साथ विजय कुमार जैन, हाजी कासिम अली, अनीस, तरोरा ,आदि भी आगरा से शिरकत करने मुम्‍बई पहुंचे हुए थे।  
पीर अलहाज शाह ने संबोधित करते हुए कहा कि समपर्ण से ही
कलाकार की कला को निखार मिलता है। साथ में जयंती माला।
पूर्व दिवस नमन के उदघाटन सत्र को मुख्‍यातिथि के रूप में संबोधित करते हुए  पीर अलहाज शाह ने कहा कि मेहनत और समर्पण से ही कलाकार की कला को निखार मिलता है।  पीर सहाब नेकहा कि कत्‍थक ऩत्‍य के क्षेत्र में सितारा देबी एक ऐसा नाम है जिन्‍हे  हमेशा अपनी कला की उस ऊचाई तक पहुंच पाने में कामयाब रहने  के लिये याद किया जाता रहगा जो लगभग हर कलाकार का मकसद होता है ।
पहले दिन के कार्यक्रम की शुरूआत नृत्‍य गुरु जयंती माला की शिष्‍य मंडली के द्वारा प्रस्‍तुत सरस्‍वती बंदना के साथ हुई । दिल्‍ली के मशहूर कलाकार राम मोहन महाराज ने  इस अवसर पर मनमोहक कत्‍थक  प्रस्‍तुति दी। जयपुर के गजलकार अहमद हुसैन,मुहम्‍मद हुसैन ने अपने परंपरागत अंदाज में  स्‍वराजलि देकर श्रोताओंको मंत्रमुग्‍ध किया। सबसे बडा आकर्षण स्‍वयं जयंती माला की अपनीमां पद्मविभूषण  समान से विभूषित कत्‍थक नृत्‍य साम्रज्ञी कत्‍थक सितारादेवी की स्‍मृतियों को समर्पित प्रस्‍तुतियां रही ।
कार्यक्रम के पहले दिन के सत्रों  का संचालन अचर्ना वाडेकर और राजेश मिश्रा के द्वारा संयुक्‍त रूप से किया गया ।
नामचीन वालीवुड स्‍टारों और कत्‍थक कलाविज्ञों के साथही  इस अवसर पर दरगाह के महासचिव विजयकुमारजैन, और हाजी कासिम अली भी उपस्‍थित थे।