25 फ़रवरी 2018

तमाम उपलब्‍धियों सहित ताजमहोत्‍सव में तीन साल से शिरकत

--किशोर तबला बादक अभिनदन बिज की है बन चुकी है अपनी पहचान 
अभिनन्‍दन बिज:'ताल ही है पहचान '
आगरा: ताज सिटी अब सांस्‍कृतिक क्षेत्र में रखने वालो के लिये भी उत्‍तर प्रदेश का सबसे महत्‍वपूर्ण महानगर हो चुका है। एतिहासिक ताजमहल के नाम पर फरवरी महा में आयोजित होने वाला ताज महोत्‍सव इसका एक प्रमुख कारण है। अनेक नामचीन प्रख्‍यात कलाकारों के साथ ही युवा उभरते तबलाबादक अभिनंदन बिज भी आगरा आकर कला प्रदर्शन करने वालों में शामिल है।तजमहोत्‍व में उसने तबला वादन कर आम श्रेाताओं ही नहीं कला पारखियों तक को मंत्रमुग्‍ध कर दिया । महज ग्‍यारह वर्ष की आयु के बिज ने  ताज महोत्‍सव के सदर बाजार मंच पर अपने तबला बादन से दर्शकों को मंत्रमुग्‍ध
कर दिया। वैसे बिज के लिये ताज महोत्‍सव अब नया नहीं है, 2016 से वह इसमें शिरकत कर रहे हैं।

इस आयोजन के मंचों में आम जनमानस की सबसे अधिक सहज पहुंच वाला मंच सदर बाजार ही माना जाता है। कैंट क्षेत्र के प्रबुद्ध वर्ग के साथ ही विदेशी पर्यटकों की भी श्रोताओं के रूप में मौजूदगी अन्‍य कलाकारों के समान ही बिज के लिये भी खास महत्‍वपूर्ण एवं प्रेरक  रही है।यूं आगरा अपने संगीतज्ञों के लिये विख्‍यात रहा है इनमें से अनेक तबला वादन के लिये भी  राष्‍ट्रीय स्‍तर के हैं किन्‍तु इसके बावजूद बिज की अपनी एक अलग पहचान  बनी हुई है। किशोर होने के कारण स्‍कूली बच्‍चों के लिये उसकी तबले के प्रति प्रतिबद्धता खास  अनुकरणीय है। 

लखनऊ महोत्‍सव, ताज महोत्‍सव में 2016 से लगातार भागीदारी , एफ एम गोल्‍ड चैनल पर लाइव लाइव परफारमेंस ,  2015 मे तबलाबादन में एचीवमेंट अवार्ड , इंस्‍पायर्डमेंट एड एचीवमेंट एवार्ड 2016, राष्‍ट्रीय स्‍तर पर चयनित दस  बाल प्रतिभाओं के रूप में चयनित और सर्टिफिकेट वा नगद पुरुस्‍कार, प्राइड आफ इंडिया, जेम आफ इंडिया, गीता महोत्‍सव में शंख और ग्‍यारह हजार रुपये, तबला वादन कला में योगदान के लिये ह्यूमिनिटी एचीवर्स एवार्ड 2017 से सम्‍मानित किया जा चुका  ।   किन्‍तु पुरुस्‍कारों और सम्‍मानों का यह सिसिला लगता है लगातार चलता रहना है। रियाज व संगीत के प्रति गंभीरता इसके मुख्‍य कारण हैं।

बिज के तबला वादनक्षेत्र में उपलब्‍धियों में सबसे बडे सहायक  सेंट्रल यूनीवसर्टी के प्रोफैसर डा नीरज कुमार पिता और  लोक सभा सचिवाय में अधिकारी मां श्रीमती बन्‍दना के सहयोग और प्रेरणा से ही  पढाई के साथ अपनी कला के लिये जरूरी समय जूटाना संभव हो पाता है। पढाई के साथ अपनी कला के लिये जरूरी समय जूटाना वाकई में उसकी निजी उपलब्‍धि है ।के आर मंग्‍लम वर्ड स्‍कूल नई दिल्‍ली की सिक्‍स,थ क्‍लास का वह  छात्र ,है। तबला वादन के लिये रोज सुर्खियों मे रहने के साथ ही सौम्‍य व्‍यवहार तथा पढाईमेंभी खूब मन लगाने से अपने शिक्षको और मित्रों के बीच उसे भरपूर प्रशंसा मिलती है।