मौलिकता से भरपूर किताब लिखना आसान नहीं
दयालबाग स्थित 'एक पहल ' परिसर लेखिका रोली सिन्हा एवं
पम्मी सडाना ने सहयोगियों के साथ्ा मीडिया से हुई ' रूबरू'
पम्मी सडाना ने सहयोगियों के साथ्ा मीडिया से हुई ' रूबरू'
आगरा:अमृता विद्या एजुकेशन फॉर इम्मोरटिलिटी, सोसाइटी के प्रोजेक्ट -"आगरा विज़न 2025" के तहत सेंटपीटर्सकॉलेज में होने वाले ''आगरा -श्री ' सांस्कृतिक कार्यक्रम के अवसर पर ताज सिटी की दो लेखिकाओं की पुस्तकों का भी विमोचन होगा।
दयालबाग स्थित स्वैेच्छिक संस्थान एक पहल के तहत संचालित के परिसर में आयोजित
प्रेस वार्ता में द लाईटर साइड आफ लाइफ "The Lighter side of Life" की लेखिका श्रीमती रोली सिन्हा ने कहा कि किताब लेखन का जरूर उनका पहला प्रास है,वैसे लेखन करते रहना उनका पुराना
शौक है और वह वह चाहती है कि यह जारी रख सकें ।
शौक है और वह वह चाहती है कि यह जारी रख सकें ।
दूसरी पुस्तौक 'फाइट एन विन '( "Fight n Win ) की लेखिका श्रीमती पम्मी सडाना का मानना है कि साहित्य सर्जन एक चुनौती भरा काम है, अगर यह मौलिकता से परिपूर्ण होतो इसे उपलब्धिक माना जाता हैऔर लेखक को भरपूर सम्मान मिलता है।
प्रख्यात शिक्षाविद एवं इतिहासकार डा आर सी शर्मा ने उम्मीौद जतायी कि पुस्तकें इंटरनेट युग में भी प्रासंगिक हैं। लाइब्रेरी और उसमें ज्ञानबर्धक पुस्तकों का होना प्रबुद्धता का प्रतीत माने जाते रहे हैं,कमोवेश समाज में यह नजरिया अब भी बरकरार है।उन्होंने उम्मीद जतायी कि श्रीमती रोली सिन्हा एवं श्रीमती पम्मीे सडाना आने वाले वक्त में अपनी कलम से और भी बहुत कुछ सर्जित करेंगी।
इस अवसर पर एक पहल संस्था् के पदाधिकारी, सोसायटी के जर्नल सैकेट्री श्री अनिल शर्मा आदि भी मीडिया से विचार करने वालों में शामिल थे।