14 जनवरी 2018

यमुना नदी की दुर्दशा का सन्देश दिया पतंगें उड़ाकर

यमुना की दुर्दशा 
आगरा। पतंगें उडाकर आगरा वासियों ने भारत सरकार का ध्‍यान यमुना नदी की दुर्दशा की ओर आकर्षित किया है। यमुना नदी पर लगातार लोगों को नदी की बर्बादी की ओर आकर्षित करने को कोशिश रत पर्यावरण सक्रियतावादी बृज खंडलेवाल  की यह एक बडी कामयाबी है। केन्‍द्रीय मंत्रीमंडल में तमाम ऐसे सदस्‍य हैं जो कि पतंगवाजी का जनजीवन में महत्‍व जानते हैं। अहमदाबाद और सूरत दोनों में ही खुद पतंगे उड़ा चुके हैं और महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्‍चन जी से भी पतंग उड़वा  चुके हैं। बस फर्क यह है कि गुजरात में पतंगें जहां मकर संक्रांति पर ही उड़ती  हैं जबकि आगरा में मई जून के गरमाते महीनों में । खैर पतंगे हैं चाहे जब उडाओ किन्‍तु 14अप्रैल को उड़ाई  पतंगे यमुना तटीय मथुरेश जी मंन्‍दिर परिसर से 'यमुना नदी को साफ करवा कर पानी से भरपूर करवाओ' संदेश के साथ जनता के द्वारा खुद उड़ाई  जा रही हैं ।करोडों रुपय खर्च करने को आमादा
हे रिवर फ्रंट बनाने के दीवानो सूखी दम तोडती सी नदी में पहले पानी लाओ फिर फ्रंट खुद ब खुद विकसित हो जायेंगे।सन 2019 आने को है 'इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्‍ली-आगरा के बीच मोटरवोट, चलवाने के वायदे अधूरे के अधूरे ही रहे।2007 में सपा सांसद के रूप में  राजबब्‍बर के द्वारा शुरू करवाया गया 'गंगाजल पाइप लाइन प्रोजेक्‍ट ' भी सरकार पूरा नहीं करवा सकी। नेहरू परिवार के सदस्‍यों को एक बार जमकर जो कहना हो कह लें। किन्‍तु अपनी नाकामियों पर परदेदारी करने को 'नेहरू और शहजादे' के नामों पर हल्‍ले से जनता को कोयी राहत नहीं मिल रही है।