14 मार्च 2017

‘साहित्यिक – सामाजिक ’ चुनौतियों पर आगरा होगा चिंतन

--अथर्स गिल्डस क राष्ट्रीय  सम्मेलन में 18 और 1 9, दो सौ लेखक लेगे भाग

सुशील सरित, रानी सरोज गौरिहार और अमी आधार 'निडर'  ने दी सम्‍मेलन की जानकारियां

आगरा: मजहबी कट्टरपंथों में फंस गए देशों के अलावा विश्वभर में बौद्धिक संपदा और साहित्यिक विरासत के संरक्षण और प्रोत्‍साहन के चलते दौर में भारत की नेतृत्व कर्त्‍ता के रूप में रही उसकी विशिष्ट पहचान और मुखर हो, यह विषय भी शामिल होगा उन अहम मुद्दों में शामिल होगा जिनपर
विचार एवं मथन के लिये   देश के महान साहित्यिक और कलमकार आगरा में 18 और 1 9 मार्च को आगरा में जुट रहे है। 


मूल रूप से यह अवसर होगा 'आउथर्स गिल्डट ऑफ इंडिया' का दो दिवसीय 42 वें राष्ट्रीय
सम्मेलन। आयोजन समिति की अध्यक्षा, स्वत्वंत्रिता सेनानी रानी सरोज गौरिहार ने नगरी प्रचारिणी सभा की बैठक कक्ष में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि साहित्य में यह समागम उस दौर में हो रहा है जबकि साहित्यब सर्जन, सामाजिक चिंतन को नकारार्थीमक विचार रखने वालों की उन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो न तो राष्ट्रीय हितों और न ही सामाजिक परिवेश की दृष्टि से ही अनुकूलता रखती है।
 उन्होंने उनसे कहा कि गिल्ड का 42 वें राष्ट्रीय सम्मेलन है, असम, अरुणाचल, बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल आदि सहित एक दर्जन से जीने। राज्यों के प्रतिनिधियों की भागीदारी में यह सुनिश्चित किया गया है। हालांकि सभी साहित्यिकों का मोजुग्गी स्वयं में महत्वपूर्ण है है किंतु इन में भी डाँ शेरजंग गर्ग, डा सरोजनी प्रीतम, पद्मश्री श्याम सिंह शशि, राजलक्ष्मीय कृष्णन आदि विशेष रूप से उल्ले खनेी है।एक जनकमारी में कहा कि आयोजन के सिलसिले में आगरा विश्व विद्यालय के पूर्वकुलपति डा एगम प्रसाद मथुर की रक्षा में एक आयोजन समिति की स्थापना की गई है, आयोजन समिति की स्वाधिकृत समिति बनाई गई है जिसमें विधायक जगीन प्रसाद गर्ग, ओ पी चेन्सस गुप के शभिक गोयल आगरा पब्लिकक स्कू ल के महेश चंद शर्मा, होलीपब्लिकक स्कूलल के डा संजय तोमर, देहदानी राम अवतार शर्मा, भारतगैस एजेंसियों के निदेशक प्रीतम पाल सहानी और अलका सेन और डॉ राजेन्द्रक मिलन आदि शामिल हैं। इसके अलावा मीडिया समिति, आवास सत्का और समिति, किताबशक प्रदर्शनी समिति आदि और गठित की गई हैंसमारोह के संयोजक और सचिव आगरा चैप्टर के समन्वित डॉ अमी अवध निडर ने बताया कि दो दिवसीय सम्बन्ध के पहले दिन उद्घाटन सत्र के अलावा तीन सत्र और भी होंगे। रात में कविता सड़दद का आयोजन डॉ सरोजनी प्रीतम की अध्यसक्षता में होगा। दूसरे दिन में पहले सत्र में उन शोध पत्रों की प्रस्तुति हुई, जो कि पूर्व दिन पढ़ना जारी रह गया था। समापन सत्र से पहले चुनाव, और प्रमुख संकल्पितों को पारित करावा आदि की औपचारिकतावों होनी। आगरा चैप्टिक की ओर से एक मसपिका 'तूलिका' का प्रकाशन भी किया जाएगा। एक सूचना में बताया गया है कि गिलडी लेखको और साहित्यपकरों का एक प्रभावशाली और लोकप्रिय मंच है। इसके पचाससेज्यागदा सक्रिय आजीवन सदस्य हैं। इस संबंध में अशोक बंसल 'अश्रु' सुशील सृष्ट, श्रुति सिन्हा, राजेन्द्रक मिलन आदि भी उपस्थिअत थे।