आगरा। केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा भी शिक्ष्ााकों और प्रबंधन में चलती रहने वाली खींचतान से नहीं बचा रह सका।मानवसंसाधनमंत्रालयकेसीधेप्रबंधनवालेइस शिक्षण परिसर में चल रही खींचतान के तमाम आंतरिक कारण है किन्तु प्रकट तौर पर छात्रों को ही आगे लाकर काम चलाया जा रहा है।संस्थान में सेवारतों का एक वर्ग जो खुद खुल कर बोलने से बचना चाहता है ,ने छात्रों को आगे कर दिया है। मकसद है रजिस्ट्रार पद पर कार्य कर रहे श्री चन्द्रकांत त्रिपाठी को हटायेजाने के कारणों को प्रबल करना।
छात्र धरना पर हैं और रजिस्ट्रार को हटाने की मांग कर रहे हैं।
बताया जाता है कि उड़ीसा सहित कई राज्यों के स्टूडेंट्स जब रजिस्ट्रार से अपनी समस्याओं के बारे में बातचीत करने के लिए गए तो श्री त्रिपाठी ने उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया यहाँ तक उन्होंने गाली गलौज का इस्तेमाल तक किया। छात्रों का कहना है कि सरकार द्वारा गैर हिन्दी राज्यों के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और भत्ता दिया जाता है किन्तु छात्रवृत्ति वितरण में संस्थान में खुलेआम धांधलियां की जाती हैं। स्टूडेंट्स हॉस्टल में खाना,पानी और बिजली आदि की वयाप्त समस्याओं से छात्रों को रोज़ जूझना पड़ता है। छात्रों का आरोप है कि रजिस्ट्रार इन समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं देते हैं। वैसे वास्तविकता यह भी है कि मंत्रालय स्तर पर भी धन कटौतियों और आवंटन की प्रक्रिया में तमाम परिवर्तन हुए हैं।
छात्र धरना पर हैं और रजिस्ट्रार को हटाने की मांग कर रहे हैं।
बताया जाता है कि उड़ीसा सहित कई राज्यों के स्टूडेंट्स जब रजिस्ट्रार से अपनी समस्याओं के बारे में बातचीत करने के लिए गए तो श्री त्रिपाठी ने उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया यहाँ तक उन्होंने गाली गलौज का इस्तेमाल तक किया। छात्रों का कहना है कि सरकार द्वारा गैर हिन्दी राज्यों के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और भत्ता दिया जाता है किन्तु छात्रवृत्ति वितरण में संस्थान में खुलेआम धांधलियां की जाती हैं। स्टूडेंट्स हॉस्टल में खाना,पानी और बिजली आदि की वयाप्त समस्याओं से छात्रों को रोज़ जूझना पड़ता है। छात्रों का आरोप है कि रजिस्ट्रार इन समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं देते हैं। वैसे वास्तविकता यह भी है कि मंत्रालय स्तर पर भी धन कटौतियों और आवंटन की प्रक्रिया में तमाम परिवर्तन हुए हैं।