13 सितंबर 2016

पर्यावरण रक्षा के लिए ब्रिक्स देशों द्वारा दिए गये विकल्‍पों का एक वैश्विक महत्व होगा

ब्रिक्स देश पर्यावरण रक्षा के लिए कड़ाई करते नज़र आ रहे हैं। इन  देशों के पर्यावरण मंत्री आपसी सहयोग को मजबूत बनाने के लिए 16 सितंबर 2016 को गोवा में आयोजित होने वाली बैठक में शामिल होंगे। इस बार  मेजबान देश भारत है । बैठक में समझौता ज्ञापन और पर्यावरण पर संयुक्त कार्य समूह पर चर्चा होने की उम्मीद है। ब्रिक्स मंत्रियों के बीच वायु और जल प्रदूषण, तरल और ठोस कचरा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के संरक्षण जैसे आपसी हितों के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा होने और इस संदर्भ में प्राथमिकता से कार्यवाही किए जाने की उम्मीद हैं। इस बैठक से पूर्व सरकारी स्तर पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

पिछले वर्ष हुई बैठक में विकास के लिए वित्‍तपोषण पर अदीस अबाबा कार्रवाई एजेंडा, सतत विकास लक्ष्य और पेरिस समझौते जैसे वैश्‍विक पर्यावरण समझौतों को अपनाने के बाद वर्तमान बैठक काफी अहमियत रखती है। यह बैठक विभिन्‍न केन्‍द्रीय मंत्रालयों द्वारा संचालित की जा रही बैठकों की श्रृंखला में से एक है और इस वर्ष रूस से ब्रिक्‍स की अध्‍यक्षता भारत द्वारा ग्रहण किए जाने के बाद ब्रिक्‍स देशों के प्रमुखों के अक्‍टूबर, 2016 में गोवा में होने वाले शिखर सम्‍मेलन की दृष्‍टि से भी अहम हैं। 

ब्रिक्स देशों में शामिल ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका वैश्विक आबादी के 41.6%, कुल दुनिया के क्षेत्रफल के 29.31% और विश्‍व के कुल सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 22% की हिस्‍सेदारी रखते हैं। ये देश जैव विविधता और प्राकृतिक पूंजी से समृद्ध है। ब्रिक्स देशों द्वारा दिए गये विकल्‍पों का एक वैश्विक महत्व है।