--ओ आई सी के सैकेट्री जनरल ने दिया पाकिस्तान के माफिक बयान
(आतंकवाद पर चुप्पी केवल कश्मीर की चिंता) |
इस्लामिक
देशों के इस सबसे बडे संगठन में 56 सदस्य शामिल है, मध्यपूर्व और
भूमध्य सागदतटीय इस्लामिक देशों में धार्मिक कट्टर पंथियों की हिंसक गतविधयों के
कारण विदेशी सेनाओं के हस्ताक्षेप के बने चल रहे हालातों में सुधार पर तो कुछ कर नहीं
पा रहा है,वहीं कश्मीर के मामले को तूल देना चाहता है
पाकिस्तानी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफ़ीस ज़करिया ने ओआईसी के सेक्रेटरी जनरल के बयान और व्यक्त
की गयी चिंता से इत्तफाक करते हुए कहा है कि 'कश्मीर इंडिया का
अंदरुनी मामला नहीं है बल्कि मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन का अंतरराष्ट्रीय मसला
है.'।
पूर्व
में इस्लामाबाद में की एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान ओ आई सी के सैकेट्री जनरल ने कश्मीर
की पाकिस्तानी नीति से एक राय जताते हुए कहा कि कश्मीर के मामले में वहां के शहरियों के ख़ुद
फ़ैसले लेने का अधिकार है। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के मुताबिक़ इसके हल के लिये
रास्ता निकाला जाना चाहिये।
विदेश
मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अज़ीज़
ने
बाद में एक बयान में कहा है कि ओआईसी के प्रमुख से बातचीत में क्षेत्र के हालात और
ख़ासतौर पर भारत प्रशासित कश्मीर में मौजूदा हालात पर चर्चा हुई है।
उनके
अनुसार सितंबर में ओआईसी में मौजूद कश्मीर ग्रुप, न्यूयार्क
में संयुक्त राष्ट्र की बैठक के दौरान इस मामले पर विचार करेगा।