- उ प्र फिल्म विकास परिषद् के अध्यक्ष पद पर चाहते थे एडजैस्टमेंट
( त्याग पत्र की चर्चाओं के साथ शुरू हुआ दूरियों का दौर) |
लखनऊ: समाजवादी पार्टी में परिवार की एकता में अनेकता के बाद पुराने बडे दिग्गमजों के बीच दो दो हाथ करने के तेवर बनते जा रहे हैं.पार्टी का एक वर्ग जहां मुख्ता र अंसारी और उनकी पार्टी से बेहद परहेज रखता है, वहीं दूसरी ओर बुमुश्कि ल राज्यैसभा सदस्या बने श्री अमर सिंह से बेहद नापसंदगी करता है। पूर्व सांसद जया प्रदा अमर सिह के साथ हुई पार्टी में
बापसी
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जयाप्रदा :सवाल केवल एडजैस्टमेंट का नहीं |
श्री अमर सिह चल रहे मौजूदा दौर को भांप चुके है। इसी के फलस्वीरूप और कुछ संभव न देखकर जयप्रदा के लिये जब कोई पद या एडजैस्टसमेंट नहीं देखा तो एक टीवी चैनल पर राज्यर सभा से त्यानगपत्र की बात तक कह बैठे।
उनकी इस धमकी को न तो पार्टी में गंभीरता से लिया गया और नहीं राजनैतिक हल्कों में ही। बल्किह कई वरिष्ठत नेताओं ने तो यहां तक कह डाला कि राज्ये सभा की सदस्यानता क्याो आगर पार्टी छोड दे तो ज्या्दा उपयुक्तर रहेगा।
दरअसल श्री अमर सिह जयप्रदा को उ प्र फिल्म विकास परिषद् के अध्यटक्ष पद पर एडजैस्ट करवाना चाहते थे। अब यह पद प्रख्या त कवि श्री गोपाल दास नीरज की नियुक्त के बाद भर गया।
वर्तमान में स्थियति यह है कि श्री अमर सिह को मुख्य मंत्री श्री अखिलेश यादव के समक्ष अपनी बात कहने का मौका तक पिछले कई दिनों में कोशिश करने के बावजूद नहीं मिल सका है।