27 मार्च 2016

साहित्यिक जगत को दिशाहीनता से उबारने का सशक्त प्रयास ’ हिचकी’

--लेखक,कवियों और साहित्‍यक मंचों की बडी जरूरत होगी पूरी

आगरा: होली के पर्व पर अनेक कार्यक्रमों के बीच साहित्‍यिक जगत की दृष्‍टि से अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण
('हिचकी' का प्रवेशांक)  (कार्यकारी संपादक अमीआधार निडर)
हिचकी पत्रिका का प्रवेशांक प्रकाशित हुआ है ।इस पहले अंक से पत्रिका के भविष्‍य के बारे में ज्‍यादा कुछ कहना या सोचना तो ज्‍यादती होगी किन्‍तु इसके  निरंतर प्रगतिपथ पर चलते रहना तो जरूर अनुमानित किया ही जा सकता है।

 आगरा विश्‍वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं राधास्‍वामी सत्‍संग के अध्‍यक्ष डा अगम प्रसाद माथुरदादाजी महाराज इस नये प्रयास के प्रेरक और संरक्षक होने से अपने आप में यह गारंटी तो है ही कि पत्रिका टालरेंस और नान टालरेंस जैसी अप्रिय एवं देश
के साहित्‍यक वातावरण की गारिमा को चोट पहुंचाने वाली बहस से दिशाहीन होने की स्‍थिति में पहुंचे हुओं को सही रास्‍ता दिखाने के काम में अहम भूमिका मे होगी।
जब से इंटरनेट का प्रसार हुआ है, साहित्‍यिक जगत की गतविधियां भी बढी हैं,किन्‍तु उत्‍कर्ष से उत्‍कर्ष रचना धर्मी भी सोशल साइटों तक ही सीमित होकर रह गया है,हां अपवादों की बात अलग है। जबकि हिचकी सोशलसाइट रसियाओं के लिये नेट पर भी है और पत्रिकाओंके परंपरागत एडीशन के रूप में भी।
पहले अंक को देख कर इतनी उम्‍मीद तो की ही जा सकतीहै कि संपादक श्रीमती कल्‍पना श्रीवास्‍तव की यह परिकल्‍पना हिचकी लेखकों,कवियों और साहित्‍यक आयोजनों के लिये एक सशक्‍त मंच साबित होगी। प्रकाशन के प्रयास को साकार रूप मिल सकना पत्रिका के कार्यकारी संपादक डा अमी आधार निडर की कर्मठता एवं परपक्‍व कार्यशैली की नवीनतम उपलब्‍धि मानी जा सकती है।प्रकाशन में योगदान कर्त्‍ताओं के रूप में सलाहाकार संपादक, डा रेखा कक्‍कड, ब्रजेश पाल, राहुल मिलन की भी उल्‍लेखीनीय भूमिका है।
कार्यकारी संपादक निडर की अपनी बात’’

होली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ मैं आपके लिए लाया हूं एक अनुपम उपहार। प्यार भरी हिचकी। अहसास भरी हिचकी। जी हां आपकी पसंदीदा बनने को आतुर मासिक पत्रिका हिचकी। जिसे प्रवेशांक में ही पूरे देश के लेखकों और साहित्यकारों का आशीर्वाद मिला है।कला, साहित्य, संस्कृति और मानविकी पर केन्द्रित यह पत्रिका..साहित्य, कला, संस्कृति और शैक्षिक जगत में नये आयाम स्थापित करेगी ऐसा मेरा विश्वास है। यह मेरा लघु प्रयास है, लेकिन इसे जरूरत है आपके प्यार, लाड़, दुलार और साथ की....आपमें जो भी मित्र पत्रिका का अवलोकन करना चाहें मुझे मोबाइल संख्या 9720912422 पर अपना पूरा पता, नाम लिख कर एसएमएस कर दें या टाइप करेंwww.hichkiindia.com जाएं सब्सक्राइब पर और भर दें अपना फार्म. पत्रिका का प्रवेशांक आपके हाथों में होगा।संपादकीय विभाग से ई-मेल : hichkiindia@gmail.com पर भी संपर्क किया जा सकता है।