विकास की अपनी चिंताएँ होती हैं. सिंचाई, पीने के पानी और दूसरी जरूरतों के लिए जरूरत से ज्यादा दोहन के चलते धरती का जलस्तर लगातार घट रहा है. इसने न सिर्फ भूवैज्ञानिकों की बल्कि राजनीतिज्ञों की चिंता भी बढ़ा दी है.
अभी पिछले दिनों हैदराबाद और तेलांगना प्रांत के दूसरे इलाकों में पानी की भारी कमी और जलस्तर के नीचे जाने की खबर आई है. जल संसाधन पर संसद की स्थायी समिति ने भी हाल में इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताई है. उसने केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय से इस मुद्दे का अध्ययन कर छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर हालत में सुधार नहीं हुआ तो दस साल के भीतर पूरे बंगलूर शहर को कहीं और बसाना होगा...dw.com/hi/a-18954462 © DW