17 जनवरी 2016

लेबर पेन की असहनशील होने की प्रवृत्‍ति सिजेरियन का बडा कारण

भारत में 40 फीसदी डिलीवरी सिजेरियन

आगरा। पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में सिजेरियन डिलीवरी का प्रतिशत काफी अधिक है। नेपाल
चिकित्‍सक दिन भर चलनेवाले सैशनों में करते रहे
अपनों के अनुभवों से खुद को अपडेट
में जहां मात्र 8.6 सिजेरियन डिलीवरी हो रही हैं वहीं भारत में इसका प्रतिशत 40 है। जिसकी वजह महिलाओं में लगातार हो रही शारीरिक श्रम में कमी व लेबर पेन के प्रति बढ़ती असहनशीलता है।

यह निष्कर्ष आइकोग में आयोजित हाउ टू रिड्यूज सी सेक्शन रेट्स इन डवलपिंग कंट्री विषय पर आयोजित पैनल डिसकसन में निकलकर सामने आए। इसमें पाकिस्तान के डॉ. राशिद लतीफ, डॉ. यूसुफ लतीफ, बंग्लादेश की डॉ. फरजाना बेगम, नेपाल के डॉ. एमएन पॉल, डॉ. लता, बंग्ला देश के डॉ. टीए चौधरी, डॉ. फिरदौसी बेगम, श्री लंका की डॉ. रोहना, भूटान के डॉ. पूब दुरजी, भारत
के फैसी लुइस सामिल थे।
इसमें विकसित देशों में सिजेरियन डिलीवरी को कम करने पर चर्चा की गई। पाकिस्तान से आए डॉ. राशिद ने बताया कि गांवों में सिजेरियन केश मात्र पांच प्रतिशत ही होते हैं। क्योंकि वहां की महिलाएं शारीरिक श्रम अधिक करती हैं। सिजेरियन केस को कमरे के लिए उन्होंने महिलाओं व उनके परिजनों की काउंसलिंग की पैरवी की। जटिलता को देखते हुए पांच फीसदी मामलों में सिजेरियन जरूरी हो जाता है। यदि किसी देश में 15 प्रतिशत से अधिक सिजेरियन हो रहे हैं तो वह खतरनाक स्थित है। डॉक्टरों ने माना कि नार्मल डिलीवरी ही मरीज और डॉक्टरों दोनों के लिए बेहतर है।

आंकलन कहां कितना है प्रतिशत:भारतः 40 प्रतिशत,श्रीलंकाः 28 प्रतिशत,बंग्ला देशः 23 प्रतिशत, नेपालः 8.6 प्रतिशत