17 जुलाई 2015

स्‍मार्ट शहरों और एएमआरयूटी योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ रूपए के निवेश की संभावना

चार्ल्‍स कोर्रिया ने कहा था, ''भारत के शहरों में से सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण बात यह है कि यहां हमें विश्‍व प्रसिद्ध शिल्‍पकार मिलते हैं।'' निकट भविष्‍य में भारत के व्‍यापक मानचित्र पर स्‍मार्ट शहरों के उभरने के बाद वह अपने इस धारणा के प्रति और अधिक आश्‍वस्‍त हो गए होते। अफसोस ! उनका देहांत हो चुका है। परियोजना को पूरा करने के लिए व्‍यापक स्‍तर पर तैयारियां चल रही हैं, ताकि विकास एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए इस महत्‍वपूर्ण पहल को साकार रूप दिया जा सके।
      केंद्र की ओर से 48,000 करोड़ रूपए के निवेश के साथ अगले 5 वर्षों में 100 स्‍मार्ट शहरों को विकसित किया जाएगा। देश के शहरी क्षेत्र को तीव्र गति से विकसित करने के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल ने अगले 5 वर्षों में दो नए शहरी अभियानों के अंतर्गत शहरी विकास पर करीब एक लाख करोड़ रूपए के खर्च को स्‍वीकृति दे दी है। क्रमश: 48,000 करोड़ रूपए और 50,000 करोड़ रूपए के परिव्‍यय से इस वर्ष 25 जून तक प्रारंभ की जा रही यह दो परियोजनाएं स्‍मार्ट सिटी अभियान और 500 शहरों के कायाकल्‍प और शहरी बदलाव के लिए अटल अभियान (एएमआरयूटी) हैं।
      स्‍मार्ट सिटी अभियान के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में जीवन की शानदार गुणवत्‍ता को समर्थ्‍य बनाने के लिए मूल्‍य बुनियादी सुविधाओं, स्‍वच्‍छ और दीर्घकालिक पर्यावरण और कुशल समाधानों को अपनाने को सुनिश्‍चित करना है। अधिकारियों का दावा है कि स्‍मार्ट शहरी मिशन का उद्देश्‍य अभियान के अंतर्गत उन्‍नत शहरी पर्यावरण आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा जिससे सार्वजनिक परिवहन को