--किरन
बेदी की केजरीवाल विरोधी राजनीति में
दखल से ‘आडवाडी’ की उपेक्षा का माला पकड सकता है तूल
--गिर्राज
सिह के प्रति पूर्व पुलिस अफसर की सख्ती अखर रही है भाजपाईयों को
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(किरन वेदी) |
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(प्रशांत भूषण) |
आगरा,आम
आदमी पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल के द्वारा विरोध में स्वर
उठाने वालों का सफाया करने वालो में पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण ने
पार्टी से जहां एक ओर अलविदा कह दिया है किन्तु वकालत के अनुभव का भरपूर लाभ
उठाते हुए उन्होंने श्री केजरीवाल को एक प्त्र भी लिखा है और उसमें जो नुक्ते
उठाये हैं उनके जबाव देना किसी भी पार्टी अध्यक्ष या मुख्यमंत्री के लिये आसान
नहीं है आप पार्टी के नेताओं ने तो पहले सह ही अपने अपने लिये लक्ष्मण रेखायें
खींच रखी है।
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(पूर्व केन्द्रीय मंत्री र्गिराज सिह) |
उधर
आम पार्टी में चल रही ‘बनैठी’ (लठिया बाजी)का अब तक आंन्द ले रही भाजपा के लिये
भी ‘इंडिया अगेंस्ट करैप्शन’ से निकली नेता एवं पार्टी की ओर से दिल्ली की मुख्यमंत्री
पद की प्रत्याशी के तौर पर काफी सुर्खियों में रह चुकी पूर्व आई पी एस अधिकारी
श्रीमती किरने वेदी सिरदर्द साबित हो रही हैं।गुरुवार को उनके द्वारा आप पार्टी
के नाता प्रशांत भूषण के पक्ष में बोला गया यही नहीं श्री केजरीवाल के खिलाफ अभियान
में साथ दिये जाने के लिये तैयार मानी जा रही है।उन्हों ने अपने दिये एक बयान
में कहा है कि ‘अब आप समझ गये होंगे कि मैंने अरविद का साथ क्यों छोडा था।यह
बयान उस समय आया है जबकि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक ‘आडवाडी’
प्रकरण में बार बार उलझते उलझते किसी तरह बचा कर समाप्त हुई है।भाजपाईयों को
संशयहै कि अगर श्रीमती वेदी या उनकी ही तरह से कोई अन्य नेता आप की आंतरिक राजनीति
पर कुछ भी वोला तो ‘आप’ के विद्वानों के सशक्त प्राहरों से पार्टी की किरकिरी
को बचाये रखना चुनौती बन जायेगा।
उधर
श्रीमती वेदी ‘आप’ पर तो प्राहर कर ही रही हैं वहीं अपनी पार्टी की सरकार के गि
र्राज सिह को भी नहीं बख्श रही हैा।उन्होंने पार्टी नेतृत्व से कहा है कि
श्री सिह का रंगभेद के मामले में व्यक्त विचार साधारण हंसी ठिठोली नहीं
है।उनसे उनसे उनकी उस मानसिकता को पूरी गंभीरता से लिया जाना चाहिये जिसके
चलते उन्हों ने अपना बयान दिया था।केवल इस कारण ही खराब मानसिकत वाले व्यक्ति
के प्रति उदार नहीं रहा जा सकता कि उसने भाजपा की विरोधी पार्टी की नेता
(श्रीमती सोनियां गांधी )के विरुद्ध ही तो बयान दिया है।