इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इससे कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी। इस प्रोटोकॉल से कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आयुष समाधानों की मुख्यधारा में योगदान मिलने की उम्मीद है। इससे जनता को काफी लाभ होगा, क्योंकि ये समाधान आसानी से सुलभ हैं और इनसे महामारी द्वारा लाई गई परेशानियों को कम करने में मदद मिलेगी।
दुनिया भर में इस महामारी का प्रकोप जारी है। अनेक देशों द्वारा देखभाल के मानक के साथ-साथ परम्परागत उपायों को एकीकृत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। देश में कोविड-19 की प्रतिक्रिया के संबंध में देश के विभिन्न हिस्सों से प्राप्त हो रहे अनुभव यह दर्शाते हैं कि आयुर्वेद और योग कोविड-19 के लिए मानक
निवारक उपायों को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। (मानक निवारक उपाय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में दिए गए हैं)। आयुर्वेद और योग की इस क्षमता को ध्यान में रखते हुए संबंधित राष्ट्रीय संस्थानों और सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च सेंटर्स की विशेषज्ञ समिति ने कुछ अन्य प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग करके कोविड-19 के प्रबंधन के लिए एक प्रोटोकॉल विकसित किया है।