11 जून 2020

आगरा बेरोजगारी की गिरफ्त में, कांग्रेस ने श्रम वि‍भाग से जतायी चि‍ता

--पत्रकारों को लेकर हि‍न्‍दी पत्रकारि‍ता दि‍वस पर भी कांग्रेसी जता चुके हैं चिंता 
आगरा में भारी बेरोजगरी:कांग्रेसि‍यों ने श्रम वि‍भाग को याद दि‍लायी फायलों
मेंं बन्‍द कर रखे गये श्रम कानूनो की।  फोटो:असलम सलीमी

आगरा: कांग्रेसि‍यो ने श्रमि‍को में व्‍याप्‍त अनि‍श्‍चि‍तता की स्‍थति पर चि‍ता जतायी है और कहा है कि यू पी ए सरकार के समय लागू मनरेगा योजना के अलावा स समय श्रम शक्‍ति को नि‍योजि‍त करने की कोयी भी योजना इस समय मंडल के जनपदो में क्रि‍यान्‍वि‍त नहीं है। शहरी  क्षेत्र की श्रम शक्‍ति‍ पूरे ढायी महीन से घर पर हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
पार्टी की प्रदेश समि‍ति के सदस्‍य एवं पूर्व महानगर अध्‍यक्ष श्री राम टंडन ने उपश्रमायुक्‍त को पार्टी की ओर से ज्ञापन दि‍या है तथा कहा है कि‍ आगरा में कमधंधे परी तरहसे बन्‍द हैं । सेवायोजक और नि‍योक्‍ता सरकार की ढुलमुल और राज बदलती नीति‍यों के कारण अपना काम शुरू करने को लेकर दि‍शावि‍हीन
हैं। जि‍सके परि‍णाम स्‍वरूप आगरा में श्रम शक्‍ति‍ का एक बडा भाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
उ प्र में श्रम शक्‍ति‍ को लेकर सरकार दि‍शाहीन
कांग्रेस ज्ञापन को प्राप्‍त करवाते हुए यह भी कहा है कि श्रमि‍को को बडे पैमने पर काम से नि‍काला जा रहा है, लेकि‍न सरकार की ओर से कोयी भी कार्रवाही उनकी नौकरी बचाने के लि‍ये अबतक नहीं की गयी है। श्रमि‍क कानूनो को लेकर बनी चल रही अनि‍श्‍चि‍त्‍ता को लेकर श्रमि‍क अपने को असुरक्षि‍त मान रहे हैं ।
श्रमि‍कों में सबसे बडा असमंजस अपने हाथ का काम खेने के साथ साथ ही श्रम कानूनों के बारे में स्‍थि‍ति‍ अनि‍श्‍चि‍त रहने को लेकर है ।जि‍सका फयदा उठाकर अवसरवादी सेवायोजक अब न तो उन्‍हे काम पर ही ले रहे हैं और नहीं ले आफ घोषि‍त कर वेतनों के श्रम वि‍भाग के द्वारा नि‍यमसनुसार देयों का भुगतान ही कर रहे हैं। श्रमि‍कों संबधी कानूनो की स्‍थति को लेकर उ प्र सरकार की 6मई को हुई कैबीनेट बैठक और उसके बाद 8मई को इसके संबधमें जारी प्रेस ब्रीफि‍ग के बाद से पूरा श्रम वि‍भाग 38श्रम कानूनो मे 34को अब भी स्‍थगि‍त सामाने बैठा है।हालांकि‍ एक अन्‍य कैबीनेट बैठक में  स्‍थगि‍त कानूनों में से कई के पूर्ववत करने संबधी नि‍र्णय भी लि‍या जा चुका है। कांग्रेस मांग करती है कि‍ उ प्र के श्रम आयुक्‍त कानूपुर श्रम कानूनों को लेकर बनी असमंजस की स्‍थि‍ति‍ साफ करने के लि‍ये अपने पोर्टल पर उ प्र में 15मई के बाद प्रभावी श्रम कानूनों को अपलोड करें।
उ प्र में ग्रामीण क्षेत्र के मीडि‍या कर्मी मदद के पात्र
कांग्रेसि‍यों ने उ प्र में मीडि‍या से जुडे हुए लोगों में से एक भाग के जीवन यापन के लि‍ये आ खडी दि‍क्‍कतो का भी समाधान करने के लि‍ये भी सरकार से मांग की है तथा कहा है कि‍ ग्रामीण और कस्‍बाई क्षेत्रों से समाचार संकलन और समाचार संग्रहण का काम करने वालों में से अधि‍कांश के हाथ तीन महीने से पूरी तरह से खाली हैं। इनकी अर्थि‍क मदद लि‍ये सरकार को करनी चाहि‍ये।
समाचार पत्रों के हॉकरों  की मदद करे
समाचार पत्रों के वि‍क्रेता तो वाकायदा असंगठि‍त क्षेत्र के श्रमि‍क ,श्रम वि‍भाग की व्‍यवस्‍था अनुसार भी हैं।फलस्‍वरूप वे सरकार की हर उस योजना और सुवि‍धा के पात्र है जो कि‍ असंगठि‍त क्षेत्र के लि‍ये उ प्र में मान्‍य है कि‍न्‍तु उनको भी पूरे उत्‍तर प्रदेश में अबतक कुछ नहीं कि‍या गया है। जबकि‍ इनके जीवन यापन का माध्‍यम समाचार पत्र वि‍तरण और प्रसार दोनों ही लॉकडाउन के बाद से ही प्रभावि‍त होने से भारी आर्थि‍क संकट के दौर में हैं । 
होटल और टूरि‍ज्‍म इंडस्‍ट्री को लेकर सरकार स्‍पष्‍ट रुख रखे
कांग्रेस का 'हाथ'हमेशा मेहनतकशों के साथ( इन्‍सेट में )कांग्रेस के
प्रदेश अध्‍यक्ष अजय प्रसाद लल्‍लु ( फायल फोटो।




कांग्रेस ने आगरा के बन्‍द पडे होटल और टूरि‍ज्‍म व्‍यवसाय के प्रति‍ सरकार की ढुलमुल नीति‍ पर भी कडी प्रति‍क्रि‍याजतायी है। कहाहे कि‍ महानगर में रहने वाले लगभग तीन लाख परि‍वार इसी इंडस्‍ट्री पर नि‍र्भर हैं।वर्तमान में यह बंद पडी है ।सरकार की घोषणाओ  और आर्थि‍क पैकेज इस उद्योग की जरूरतों के अनुरूप नहीं हैं। इंडस्‍ट्री को लेकर सरकार क्‍या नीति‍ बनाती है यह तो बाद मे मालूम होगा कि‍न्‍तु इस इंडस्‍ट्री पर जीवन यापन के लि‍ये नि‍र्भर कामगारों को जरूर आर्थि‍क राहत प्रदान की जाये।  
कांग्रेसी श्रमि‍कों के साथ  रहेंगे हम कदम

कांग्रेस नेता श्री राम टंडन ने कहा है कि‍ कांग्रेसि‍यों ने श्रम शक्‍ति‍की मदद को जो पहल अपनी ओर से की दुर्भाग्‍यहे कि‍ आगरा में ही प्रशासन ने उसे नाकाम कर दि‍या । न केवल एक हजार बसे लोटा दी वहीं पार्टी के प्रदेशअध्‍यक्ष श्री अजयकुमार लल्‍लू को गि‍फ्ता कर लि‍ये। हर उस कानून का इस्‍तेमाल कि‍या जि‍ससे श्रमि‍को की मदद करने से पार्टी को रोका जा सके। कि‍न्‍तु कांग्रेसी अपनी प्रति‍बद्धताओं के फलस्‍वरूप अब भी श्रमि‍कों के साथ खडे हुए हैं और उनकी बात बात लगातार उठाते रहेंगे।