मेयो कॉलेज संगीत विभाग के डायरैक्टर अनुराग पी विनायक मूल रुप से आगरा के हैं
अनुराग की कोरोना को संगीतमयी चुनौती ‘घर के अंदर रहकर, ही लेंगे हम दम’ |
आगरा:कोरोना जहां नागरिकों का मनोबल तोड़ने के लिये नये नये रंग रूप में सामने आता जा रहा है, वहीं कोरोना योद्धा के रूप में भी अपने नये तेबरों के साथ सामने आने वालों में शिक्षाविद् और संगीतज्ञ भी हैं। ऐसे ही वाध्ययंत्रों के संगीत से सजे स्वरों से कोरोना को चुनौती देने वालों में है अनुराग पी विनायक । अजमेर के मेयो कॉलेज में डायरैक्टर म्यूजिक स्कूल श्री अनुराग का इस समय एक ही राग या लक्ष्य है कि लॉकडाउन किसी पर हावी नहीं हो अंर्तचेतना और स्फूर्ति विद्यमान रहे। संगीत इन दोनों कामो सक्षम है।
जितना महत्व तीर ,तलवार,,तोपों का रणभूमि में
योद्धा को ताकत देने वाले रहे हैं उतनी ही महत्ता ढोल ,नगाडे ,तुरही ,शंख और बुगिल जैसे संगीत बाध्ययंत्रों की रही है। आज जब कोरोना के संक्रमण से लडाई चल रही है तब भी संगीत और ओजपूर्णस्वर अपनी जगह महत्व रखते हैं। कोरोना के खिलाफ सबसे धारदार हथीयार 'सोशल डिस्टैंसिग' को समर्पित अनुराग का ‘घर के अंदर रहकर, ही लेंगे हम दम’ सूफ़ी मोइनुद्दीन चिश्ती ख्वाजा गरीब नवाज और पुष्करजी की पवन भूमि पर जनता जनार्दन के मन आबाज बनजाने के बाद जैसे ही 'यू ट्यूब' पर लोड हुआ तो अनायास ही देश भर में कारोना के खिलाफ लमबन्दी करने वालों को प्रेरक बन गया।
योद्धा को ताकत देने वाले रहे हैं उतनी ही महत्ता ढोल ,नगाडे ,तुरही ,शंख और बुगिल जैसे संगीत बाध्ययंत्रों की रही है। आज जब कोरोना के संक्रमण से लडाई चल रही है तब भी संगीत और ओजपूर्णस्वर अपनी जगह महत्व रखते हैं। कोरोना के खिलाफ सबसे धारदार हथीयार 'सोशल डिस्टैंसिग' को समर्पित अनुराग का ‘घर के अंदर रहकर, ही लेंगे हम दम’ सूफ़ी मोइनुद्दीन चिश्ती ख्वाजा गरीब नवाज और पुष्करजी की पवन भूमि पर जनता जनार्दन के मन आबाज बनजाने के बाद जैसे ही 'यू ट्यूब' पर लोड हुआ तो अनायास ही देश भर में कारोना के खिलाफ लमबन्दी करने वालों को प्रेरक बन गया।
विनायक कहते हैं कि मेरे लिये संगीत हमेशा अभिव्यक्ति का माध्यम रहा है, अब जब कोरोना के खिलाफ संघर्ष छिडा हुआहे तो इस राष्ट्रीय लक्ष्य मे अपना योगदान देने से कैसे पीछे रह सकता था। वह कहते हैं कि मुझे खुशी है कि प्रस्तुति को पूरे देश ही नहीं विदेश में रहने वाले प्रवासी भी पसंद कर रहे हैं1 आखिर यह खतरा भी तो वैश्विक है। हमारी सरकारें तो 'सोशल डिस्टैसिग ' के मंत्र को प्रचारित कर ही रही हैं, साधन संपन्न देशों को भी सोशल डिस्टैसिग का ही तरीका अपनाना पड रहा है।
अनुराग पी. विनायक आगरा के मूल निवासी हैं और सेंट पीटर्स कॉलेज के छात्र रहे हैं। इस समय वे अजमेर के मेयो कॉलेज में डायरेक्टर, म्यूज़िक स्कूल के पद पर कार्यरत हैं।उनकी ख्वाइश है कि जल्दी ही देश जल्दी से जल्दी कौरोना मुक्त हो जाये और फिर एक गीत और लिखने का अवसर मिले । जो विजयेता के रूप में आत्माभिमान का अहसास करने को समर्पित हो।
सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा के सचिव अनिल शर्मा ने उन से मुलाकात की और उनको बहुत अच्छा कार्य करने के लिए साधुवाद दिया. एक ही स्कूल के छात्र होने पर श्री अनुराग से सेंट पीटर्स पर चर्चा की. श्री अनुराग के माता पिता दोनों सेंट पीटर्स कॉलेज आगरा में अपने समय के कर्त्तव्य निष्ठा के लिये खासपहचान रखने वाले थे।