12 मई 2020

एन डी आर एफ की टीम ले रही है शहर में आपदा प्रबंधन का जायेजा

कोतवाली क्षेत्र में संक्रमण को रोकने में लगे पुलि‍स बल का कि‍या अभि‍वादन

कोतवाली इंस्‍पैक्‍टर शाह नजीर अहमद और सी ओ चमन सि‍ह चावडा
 का नागरि‍कों ने  कि‍या अभि‍वादन फोटो:असलम सलीमी
आगरा - चीन से आया कोरोना संक्रमण 'कोवि‍ड -19' का सफया पूरी तरह से हो पाने में भले ही कुछ समय और लग जाये कि‍न्‍तु कोरोना जि‍न कारणों से फेलता हैं उन्‍हे तेजी के साथ सीमि‍त करने मे जरूर कामयाबी रही। वैसे यह कोयी करि‍श्‍मा नहीं अपि‍तु पुलि‍स फोर्स को चि‍रपरि‍चि‍त वह कार्यशौली है जि‍समें 'डंडा- मुकदमा- गिरफ्तारी' के फार्मूले पर अमल तो है ही कि‍न्‍तु अब इसमें नागरि‍क संवाद भी शामि‍ल हो रहा है । पुलि‍स ने अपनी ताकत का अहसास जहां लोगों को करवाया वहीं  चौकी या ड्यूटी देने वाले  के पास भी कोयी पहुंच तो उसे सुना जरूर गया। 
पुलि‍स सबसे ज्‍यादा लॉकडाउन के सीलि‍ग क्षेत्रो में सक्रि‍य रही। घटि‍या आजम खां क्षेत्र में लोगों ने राष्‍ट्रीय आपदा मोचन बल ( NATIONAL DISASTER RESPONSE FORCE) को पहली बार अपने क्षेत्र में सक्रि‍य देखा। इस दल की टोलि‍यां जहां भी जाती है स्‍थानीय
नागरि‍क और पुलि‍स बल उनकी सहयोग शौली में शामि‍ल हैं ।
यही नहीं पहले से ही क्षेत्र की गहन जानकारि‍यों को संजोकर चलने वाली टीम  जब कि‍सी स्‍थान को छोडती है तो पहले से ही भरपूर डाटा बेस को ताजा अपडेट करती चलती है। घटि‍या आजम खां के अलावा माईथान से जुडे इलाकों में एन डी आर एफ की टीम ने जायजा लि‍या। पार्षद डा शि‍रोमणी सि‍ह, सि‍वि‍ल सोसायटी आगरा के जनरल सैकेट्री अनि‍ल शर्मा भी स्‍थानीय चौकी इंचार्ज आदि‍ के साथ थे।
कोरोना वारि‍यर का कि‍या अभि‍वादन
उधर गत दि‍वस कोतवाली से हींग की मंडी तक इंस्‍पैक्‍टर शाह नजर अहमद के नेतृत्‍व में  'कोरोना वारि‍यर्स ' की रैली नि‍काली गयी।जि‍समें कोतवाली क्षेत्र के सी ओ, चमन सि‍ह चावडा ने भी भाग लि‍या तथा हींग की मंडी पर टीम का स्‍वागत कि‍या। कोरोना यह जुलूस जहां जहां से भी नि‍कला नागरि‍को के द्वारा 'सोशल डि‍स्‍टैंसि‍ग ' का पालन करते हुए ताली बजाकर स्‍वागत कि‍या गया। संक्रमण काल में लगभग उन सभी जगह नागरि‍को से संवाद के पुलि‍स के द्वारा बनाये रखने  के हर संभव प्रयास कि‍ये गये जहां जहां संक्रमि‍त पाये गये और जि‍न्‍हें हॉट स्‍पाट के रूप में चि‍न्‍हि‍त कि‍या गया। फिलहाल कारोना संक्रमण को लेकर चल रहा तीसरा चरण समाप्‍त होने को है। 
इस चरण के बाद हो सकता है कि‍ आगे पुलि‍स पर बना चल रहा दबाब कम हो जाये कि‍न्‍तु ग्रीष्‍म काल में शहर और विभि‍न्‍न ग्रामीण क्षेत्रो में पानी को लेकर उत्‍पन्‍न होने वाली समस्‍या के कारण कानून व्‍यवस्‍था संवेदनशील हो जाने से अलग कि‍स्‍म की चुनौति‍यां सामने आती हैं।