-- इबादत के साथ नेशनल इंट्रीगेशन को भी ताजिदगी जुटे रहे अल्हाज रमजान अलीशाह
उल्लेखनीय है कि पीर अलजहाज रमजान अली शाह आगरा की पुरानी पीर परंपरा के क्रम में थे ,मुस्लिम ही नहीं हिन्दू और ईसाई समुदायों के लोग भी उनके मुरीदो में थे। राजनेताओ और अन्यक्षेत्रों की आला हस्तियों के अलावा मुम्बई की फिल्मी हस्तायां उनके मुरीदों में शामिल थीं।हजकरने के अलावा ईराक में स्थित कई धार्मिक स्थानों पर भी उनका आना जाना रहा , इन धार्मिक यात्राओं के क्रम में एक ऐसा भी दौर रहा जब कि वहां की सरकार अनिश्चितता के दौर में बीजा तक तमाम हिदायतों और पाबंदियों के साथ काफी मुश्किलातों के बाद ही दिया था।
पीर रमजान अलीशाह |
आगरा: दरगाह हजरत ख्वाजा शेख सय्यद फतिह उद्दीन बल्खी अलमारूफ ताराशाह चिश्ती साबरी कंपऊड आगरा क्लब के सज्जादानशीन पीर ए तरीकत आले पंजतनी पीर अलजहाज रमजान अली शाह चिश्ती साबरी का विसाल( निधन) प्रात:11बजे हो गया । उनकी मय्यत शाम 7 बजे उनके निवास स्थान सदर बाजार से ईदगाह कटघर कब्रिस्तान ले जाकर खाके सुपुर्द कर दिया गया। एक जानकारी में दरगाह के महासचिव विजय कुतार जैन ने बताया कि मय्यत को खाके सुपुर्द ले जाये जाने के दौरान सोशल डिस्टैंसिग और कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत प्रशासन के इंतजामो का पूरी तरह से ध्यान रखा गया।
बडी संख्या में उनके मुरीद जनाजे में शरीक होना चाहते थे लेकिन दरगाह प्रबंधन की ओर से सभी से सरकारी इंतजामियाओं की व्यस्थाओं को नजरअंदाज न करने का आग्रह किया गया।
दरगाह के महासचिव ने बताया कि अल्हाज रमजान अली शाह चिश्ती के पुत्रों पीरजादा हाजी इमरान अली शाह, पीरजादा कासिम अली शाह के
अलावा सीमित संख्या मे ही उनके मुरीद जिनमें से ज्यादातर कुनवे के ही थे ईदगाह में मोजूद रहे।
अलावा सीमित संख्या मे ही उनके मुरीद जिनमें से ज्यादातर कुनवे के ही थे ईदगाह में मोजूद रहे।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को अप्रैल 2019 मेंएक मुलाकात के अवसर पर सर्वधर्म सम्मेलन की जानकारी देते हुए सज्जादानशीं । |
पीर साहब के बुजुर्ग शहजहां के समय से दीन -मजहब की खिदमत कररहे हैं। उनके जीवन काल में आगराक्लब कपाऊड स्थित दरगाह ताराशाह चिश्ती साबरी की पहचान एक 'नेशनल इंट्रीगेशन ' के स्थान के रूप में खूब रही। राष्ट्रीय एकता को समर्पित कार्यक्रम अक्सर यहां हुआ करते थे।