नई दिल्ली - 40 साल के जर्मन नागरिक एडगार्ड जिबेट हनोई से इस्तांबुल जाने के रास्ते में थे, पिछले 55 दिनों से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पारगमन क्षेत्र में रह रहा है। उसने अपने देश में बापसी के एक प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। हाल ही में भारतीय सरकार के अधिकारियों ने इस मामले से परिचित भारत से जाने का नोटिस दिया है । यह बताया जाता है कि नई दिल्ली में जर्मन दूतावास भी इस स्थिति से अवगत है। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि दूतावास भी उसके संपर्क में है तथा उसे वापस जर्मनी जाने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन बताया जाता है कि उसने दूतावास के प्रस्तावों को ठुकरा दिया। श्री ज़िबत ने भारतीय सरकार को बताया कि वह राष्ट्रीय लॉकडाउन के बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के शुरू होते ही भारत छोड़ देंगे, और तब तक हवाई अड्डे पर रहना चाहते हैं।